For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

राजेश शर्मा
  • Male
  • m.p.
  • India
Share on Facebook MySpace

राजेश शर्मा's Friends

  • Gyanendra Nath Tripathi
  • rajeshawasthilawa
  • दिनेश मिश्र
  • Lalit Mohan Trivedi
  • GOPAL BAGHEL 'MADHU'
  • RAM  MISHRA
  • विवेक मिश्र

राजेश शर्मा's Groups

 

राजेश शर्मा's Page

Profile Information

Gender
Male
City State
ग्वालियर म.प्र.
Native Place
ग्वालियर ,म.प्र.
Profession
Banking Service

राजेश शर्मा's Blog

पावस के कुछ दोहे-

पावस के कुछ दोहे-

तुम तक ले आईं हमें,पकड़ पकड़ कर हाथ

सुधियाँ तो चलतीं गयीं, पुरवाई के साथ.

मैं हूँ तट का बांसवन,तू नादिया की धार

तूफ़ानों ने कर दिए,मिलने के आसार.

सुधियों के उपवन खिले,उस पर बरसा मेह

फागुन फागुन…

Continue

Posted on August 1, 2013 at 9:00pm — 16 Comments

आख़िरी सोपान तक ,पहुंचे नहीं हैं हम अभी.

 कुछ चले हैं ,कुछ बढ़े हैं, कुछ चढ़े हैं हाँ मगर,

 आख़िरी सोपान तक ,पहुंचे नहीं हैं हम अभी.

 बांटते हैं रोज लाखों लाख खुशियाँ , हाँ मगर,

 आख़िरी इन्सान तक पहुंचे नहीं हैं हम अभी.

 

 कौन समझाए हमें, ये है हमारी त्रासदी,

 जागने भर में, अभी तक खर्च…

Continue

Posted on August 21, 2011 at 4:54pm — 2 Comments

गीत- भर आए परदेशी छालों से पाँव, चलो लौट चलें.

            गीत

 

                   भर आए परदेशी छालों से पाँव, चलो लौट चलें.

                   दुखियारे तन-मन से गीतों के गाँव, चलो लौट चलें.   

                …

Continue

Posted on March 23, 2011 at 7:17pm — 2 Comments

ग़ज़ल-आँख सपनीली सुहानी है अभी

   ग़ज़ल

 

आँख सपनीली सुहानी है अभी.

झील में रंगीन पानी है अभी.

 

पंख टूटे कैद…

Continue

Posted on March 19, 2011 at 7:00pm — 5 Comments

Comment Wall (8 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 10:07pm on September 3, 2013, अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव said…

राजेश भाई, सप्रेम राधे-राधे । फागुन फागुन मन हुआ,सावन सावन देह.. । ऐसे सुंदर दोहे और अच्छी गजल  के लिए बधाई।.

At 11:01am on April 5, 2011, PREETAM TIWARY(PREET) said…

ओपन बुक्स ऑनलाइन प्रबंधन द्वारा आपकी रचना को महीने का सर्वश्रेस्थ रचना चुने जाने पर बहुत बहुत बधाई....

HEARTLY CONGRATULATIONS RAJESH JEE...

At 10:36am on April 5, 2011,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…

आदरणीय राजेश शर्मा जी ,

प्रणाम !
आपकी कविता  को महीने की सर्वश्रेष्ठ रचना (Best Creation of the Month) चुने जाने पर बधाई स्वीकार करे, उम्मीद है कि आगे भी आप कि रचनायें और अन्य रचनाओं पर आपकी बहुमूल्य टिप्पणियाँ पढ़ने को मिलती रहेगी,
आपका
गनेश जी "बागी"

At 10:34am on April 5, 2011, Admin said…

आदरणीय राजेश शर्मा जी ,

सादर अभिवादन !
मुझे यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि आप की कविता "अक्षत,हल्दी छूकर सपने" को महीने की सर्वश्रेष्ठ रचना (Best Creation of the Month) के रूप मे सम्मानित किया गया है तथा ओपन बुक्स ऑनलाइन के मुख्य पृष्ठ पर आपके छाया चित्र के साथ स्थान दिया गया है,
इस शानदार उपलब्धि पर बधाई स्वीकार करे,धन्यवाद,
आपका
एडमिन
ओपन बुक्स ऑनलाइन

At 1:12pm on March 4, 2011, Abhinav Arun said…
thanks a lot shri RAJESH SHARMA JI .
At 3:23pm on March 2, 2011, PREETAM TIWARY(PREET) said…
At 8:24pm on March 1, 2011,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…
At 8:53am on March 1, 2011, Admin said…
 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted discussions
12 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
Monday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
Monday
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"खूबसूरत ग़ज़ल हुई, बह्र भी दी जानी चाहिए थी। ' बेदम' काफ़िया , शे'र ( 6 ) और  (…"
Sunday
Chetan Prakash commented on PHOOL SINGH's blog post यथार्थवाद और जीवन
"अध्ययन करने के पश्चात स्पष्ट दृष्टिगोचर होता है, उद्देश्य को प्राप्त कर ने में यद्यपि लेखक सफल…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on PHOOL SINGH's blog post यथार्थवाद और जीवन
"सुविचारित सुंदर आलेख "
Saturday

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"बहुत सुंदर ग़ज़ल ... सभी अशआर अच्छे हैं और रदीफ़ भी बेहद सुंदर  बधाई सृजन पर "
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (अलग-अलग अब छत्ते हैं)
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। परिवर्तन के बाद गजल निखर गयी है हार्दिक बधाई।"
Jul 3
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। सार्थक टिप्पणियों से भी बहुत कुछ जानने सीखने को…"
Jul 3
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Jul 2
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"आ. भाई बृजेश जी, सादर अभिवादन। गीत का प्रयास अच्छा हुआ है। पर भाई रवि जी की बातों से सहमत हूँ।…"
Jul 2

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service