For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

vijayashree
  • Female
  • Kanpur , U.P.
  • India
Share on Facebook MySpace

Vijayashree's Friends

  • Sumit Naithani
  • D P Mathur
  • anwar suhail
  • aman kumar
 

vijayashree's Page

Profile Information

Gender
Female
City State
kanpur ,u.p.
Native Place
jaipur,rajasthan

माँ का दर्द

Comment Wall (5 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 1:00am on October 30, 2015,
सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर
said…

ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें...

At 12:30pm on September 11, 2013, अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव said…

 विजयाश्री जी - राधे-राधे ॥ त्योहारो पर ....  को आपने पसंद किया और उस पर उत्साह वर्धक             टिप्पणी की इसके लिए हार्दिक धन्यवाद ।

At 2:05pm on September 10, 2013, ARVIND BHATNAGAR said…
Bahut dhanyavad Vijayshree ji.....
At 11:27pm on April 7, 2013, vijayashree said…
Thanx seemaji
At 11:57pm on April 5, 2013, seema agrawal said…

विजयाश्री जी आपका साथ मिला यहाँ ........मन प्रसन्न हो गया ...दिल से स्वागत है आपका ........आपकी सुन्दर रचनाओं से यह मंच और समृद्ध होगा ये मानना है मेरा ....शुभकामनाएं 

Vijayashree's Blog

मेरा मन

मेरा मन

ढूंढे क्या ....

 

सुख आनंद

ये तो है छलावा

मन का भ्रम

 

प्रसन्नता

ये तो आनी जानी

है क्षणिक

 

संतुष्टि

ये है मोहताज़

अभिलाषाओं की

 

धैर्य स्थिरता

है ये स्वयं की सोच

मस्तिष्क उपज

 

शांति

पर किन मूल्यों पर

अंतःकरण या बाह्य:करण 

 

पूर्णता का अहसास

ये तो है एक खामोशी

महसूस करने की

 

फिर भी

ढूंढता…

Continue

Posted on September 16, 2013 at 10:30pm — 13 Comments

नई सीख

इस नगर में

मेरे कुछ सपने

हुए साकार

और कुछ

बिखरे किरचियाँ बन

पर

इन सपनों की

फ़ेहरिस्त थी लम्बी

इन्हें पूरा करने

जी जान से थी जुटी

कभी

भावुकता में बही

तो कभी

व्यावहारिकता ओढ़ी

कहीं

करना पड़ा संघर्ष

इसके

विद्रोही मोड़ों पर

लेकिन

इस नगर की

एक बात है ख़ास

मुस्कुराहटों में इसने

दिया मेरा साथ

पर एक बात

है इसकी…

Continue

Posted on August 31, 2013 at 10:00pm — 12 Comments

कृष्ण जन्माष्टमी

कृष्ण जन्माष्टमी की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं

 

१.

माखन चोर

गिरधर गोपाला

नन्द का लाला

   

२.

राधा-औ-कृष्णा

गोपियों संग रास

बंसी ले हाथ

 

३.

सहज जियो

जीवन है उत्सव

कृष्ण सन्देश

४.

हँस के जियो

जिंदगी प्रेम रस

छक के पियो

 

५.

आनंददायी

कृष्णवृत्ति जो फ़ैले

दुनिया…

Continue

Posted on August 28, 2013 at 12:30pm — 9 Comments

औरत

 

    औरत

 

मैंने  

औरत बन जन्म लिया

हाँ मैं हूँ

एक औरत 

और औरत ही

बनी रहना चाहती हूँ

क्यूंकि

मैं इक बेटी हूँ

मैं इक बहन हूँ

मैं इक पत्नी हूँ

सर्वोपरि इक माँ हूँ

मैं इक पूरी कौम हूँ

 

एवं

इनसे जुडे हर रिश्ते

की बिन्दू हूँ मैं

वो सभी घूमते रहते हैं

मेरे चारों ओर

एक वृत्त की तरह

 

और मैं

चाहे…

Continue

Posted on July 19, 2013 at 10:32pm — 15 Comments

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar posted blog posts
18 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (हर रोज़ नया चेहरा अपने, चेहरे पे बशर चिपकाता है)
"सोलह गाफ की मात्रिक बहर में निबद्ध आपकी प्रस्तुति के कई शेर अच्छे हुए हैं, आदरणीय अजय अजेय जी.…"
18 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (अलग-अलग अब छत्ते हैं)
"आ. अजय जी,क़ाफ़िया उन्मत्त तो सुना था उन्मत्ते पहली बार देखा...तत्ते का भी अर्थ मुझे नहीं पता..उतना…"
18 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय posted a blog post

ग़ज़ल (अलग-अलग अब छत्ते हैं)

लोग हुए उन्मत्ते हैं बिना आग ही तत्ते हैंगड्डी में सब सत्ते हैं बड़े अनोखे पत्ते हैंउतना तो सामान…See More
20 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post गजल - जा तुझे इश्क हो // -- सौरभ
"क्या अंदाज है ! क्या मिजाज हैं ! आपकी शुभकामनाओं के लिए हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय नीलेश…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post खत तुम्हारे नाम का.. लिफाफा बेपता रहा // सौरभ
"आदरणीय नीलेश भाई,  आपकी आमद इस प्रस्तुति पर हुई, मन प्रसन्न हो गया.   दिल के…"
yesterday
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आपके पूर्वाग्रह-रहित, सहजता से दिए गए मूल्यवान सुझाव किसी भी सच्चे   रचनाकर्मी को अनुचित…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय तिलकराज भाईजी, आपके संचालन में इस मुशायरे का पहली बार आयोजन हुआ है. इस आयोजन में जिस उदार…"
yesterday
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"हार्दिक आभार आदरणीय।"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"जय-जय.. शुभ-शुभ"
yesterday
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"कभी-कभी परस्पर विश्वास में बात खुलकर रखने का साहस मिल जाता है और यहॉं जो सीखने-सिखाने की परंपरा रही…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय गजेन्द्र भाई , खूबसूरत ग़ज़ल के लिए  आपको हार्दिक बधाईयाँ , गिरह खूब लगाई है , बधाई "
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service