छन्न पकैया (सार छंद)
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छन्न पकैया - छन्न पकैया, तीन रंग का झंडा।
लहराता अब धरा - चाँद पर, करता मन को ठंडा।।
छन्न पकैया - छन्न पकैया, देश जान से प्यारा।
हम सबके ही मन में बहती, देश प्रेम की धारा।।
छन्न पकैया- छन्न पकैया, दुर्गम अपनी राहें।
मन में है कोमलता बसती, फ़ौलादी हैं बाँहें।।
छन्न पकैया- छन्न पकैया, हम भारत के फौजी।
तन पर सहते कष्ट हज़ारों, फिर भी मन के मौजी।।
छन्न पकैया - छन्न पकैया, संगीनों का साया।
देख हौसला हम वीरों का, दुश्मन दल घबराया।।
छन्न पकैया - छन्न पकैया, गर्वित सेना बोले।
मारेंगे जब घर में घुसकर , बरसेंगे बस शोले।।
छन्न पकैया - छन्न पकैया, सरहद हो उजियारी।
प्रेमबीज की फसलें बोकर, बंद करें बमबारी।।
मौलिक एवं अप्रकाशित
Comment
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सादर
अच्छी रचना हुई आदरणीय बधाई हो
आदरणीय सुरेश भाई जी छन्न पकैया (सारछंद) में आपने शानदार और सार्थक रचना की है। बहुत बहुत बधाई हो।
आदरणीय सुरेश भाई ,सुन्दर , सार्थक देश भक्ति से पूर्ण सार छंद के लिए हार्दिक बधाई
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