Comment
:) :)
बिजली कब अपनी रही है !? . ..
:-)))
ए भइया.. बात त सहिये है.. उन दू दिन में हमारा ब्रह्माण्डे हिल गया था .. :-)))))))))))))
वैसे हम ई फोटो में ओवरकोट में लदी-फदी आदरणीया प्राचीजी को देख कर ई कह रहे थे.. ! आज तो हालत ई है कि ओवरकोट को देखने मात्र से लू लग जाये का डर है..
आदरणीय गणेश जी
15 जून और 17 जून का मौसम बदलाव किस तरह आपदा बन कर बरपा था... और आप लोगों का कुमाऊँ के उच्चतम हिमालयी क्षेत्रों में तब का दौरा... आज भी याद करके मन दहल जाता है... लेकिन आप सबकी सलामती पर ईश्वर का शुक्रिया भी अदा करता है
सादर
आदरणीय सौरभ जी ये तस्वीर होली वाले छन्दोत्सव की है जब मैं छन्न पकैया लिखने में व्यस्त थी और अपनी एक सहकर्मी सह प्रियसखी की बातों को अनसुना कर रही थी... तो उसने मेरे ही मोबाइल से मेरी ढेर सारी तस्वीरें कैद कर लीं थीं..... :))))
तब से अब तक मौसम तो सच में बदल गया है तब तो दस्ताने भी उतारने मुश्किल थे...... वैसे, यूपी में बिजली कटौती बहुत ज्यादा होने की ख़बरें आ रही हैं...इसलिए ये मौसम बदलाव ज्यादा ही अनुभव हो रहा होगा :))
सादर.
सौरभ भईया, १५ से १७ तक आते-आते मौसम कितना बदल गया था :-)))
(15-17 June 2013)
अंक ३५ से ३७ तक आते-आते मौसम कितना बदल गया... :-))
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