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बागी की रसोई से ....वेज़ पिज़्ज़ा केवल आपके लिए ।

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सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on June 1, 2013 at 10:54pm

पहिला हाली बनल ह का ?

अभिव्यक्ति हेतु बिम्ब का प्रयोग सार्थक हुआ है.. शिल्प के अनुरूप तथ्य होने से रोचकता भी बनी रहती है.

सतत प्रयासरत रहें. रचनाकर्म अगले सार्थक प्रयास हेतु आश्वस्त करता है.. . प्रस्तुत रचना के लिए हार्दिक बधाई . 

:-))))))))))))))))))


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 1, 2013 at 10:28pm

आह्ह्ह्हह्ह्ह देख कर ही लग रहा है कितना स्वादिष्ट होगा हल्द्वानी में खिलाएंगे क्या?? पिज़्ज़ा  मुझे बहुत पसंद है और इसे देख कर तो बस !!!!!

Comment by अरुन 'अनन्त' on June 1, 2013 at 10:27pm

हाहाहा भाई जी यह तो ध्यान में आया ही नहीं, नहीं भाई जी बड़े भाई को कष्ट नहीं देंगे हम ही आ जाते हैं.


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on June 1, 2013 at 10:23pm

कूरियर से भेजने पर कूरियर वाला खा जायेगा, मैं आता हूँ ना लेकर :-)))))))

Comment by अरुन 'अनन्त' on June 1, 2013 at 10:17pm

आदरणीय भ्राताश्री देखने में तो बहुत ही मजेदार है, मुहं में पानी आ गया, यदि हो सके तो कूरियर करवा ही दीजिये.

कृपया ध्यान दे...

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