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kanupriya Gupta
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मिथिलेश वामनकर left a comment for kanupriya Gupta
"ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन कि हार्दिक शुभकामनायें।"
May 17, 2023

Profile Information

Gender
Female
City State
mumbai maharashtra
Native Place
bhopal
Profession
public relation officer
About me
में कनुप्रिया गुप्ता अलग अलग क्षेत्रों में काम किया है मैंने और अलग विषयों की पढाई की है कभी बैंकर थी अभी जनसंपर्क अधिकारी हू .पिताजी सिविल इंजिनियर है इसलिए अलग क्षेत्रों में रहने का का अवसर मिला घाट घाट का पानी पिया मैंने.पढने का शौक पिताजी से मिला और लिखने का शौक खुद पाल लिया. शादी के बाद मुंबई आ गई पर लिखती अब भी हू .

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आतंकवाद की भेंट चढ़ गई एक लव स्टोरी

वो मासूम सा लड़का उसे बचपन से भला लगता था ,छोटी छोटी सी आँखें,घुंघराले बाल ,वो हमेशा से छुप छुप के उसे देखती आई थी ,जब वो अपना बल्ला  लेकर खेलने जाता, अपने दीदी की चोटी खींचकर भाग जाता, मोहल्ले के बच्चो के साथ गिल्ली डंडा खेलता हर बार वो बस उसे चुपके से निहार लिया करती थी. जैसे उसे बस एक बार देख लेने भर से इसकी आँखों को गंगाजल की पावन बूदों सा अहसास मिल जाता था . घर की छत  पर खड़ा होकर  जब वो पतंग उडाता वो उसे कनखियों से देखा करती थी जेसे जेसे उसकी पतंग आसमान में ऊपर जाती, इसका दिल भी जोरों…

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Posted on September 15, 2011 at 10:30am

हे अतिथि (कसाब) तुम कब जाओगे ?"

कल शाम से ही स्वर्ग और नरक या कहे तो जन्नत और जहन्नुम  दोनों में हडकंप मचा हुआ है कारण आप सब जानते है. वो एसा कारण तो है ही जिसके कारण हडकंप मच सके आखिर उसने २६ नवम्बर २००८ को पूरे मुंबई में हडकंप मचा दिया था. हाँ में उसी महान (अन्यथा ना ले पर पिछले दो साल से जिस तरह से उसे सर आँखों पर बिठाकर उसकी…

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Posted on July 30, 2011 at 2:30pm

कौन हो तुम ?

 

कौन हो तुम ?

अलसाई सी सुबह में कोमल छुवन के अहसास से हो

अनजाने चेहरों में एक अटूट  विश्वास से हो...

 

गडगडाते  बादलों में सुरक्षा के अहसास के जैसे,

काँटों भरी दुनिया में स्वर्ग के पारिजात के जैसे

 

बद्दुआओं की भीड़ में ईश्वर के आशीर्वाद से तुम

लम्बे समय के मौन में आँखों के संवाद से तुम...

 

लड़कपन की उम्र में कनखियों  के प्यार तुम,

हर मोड़ की हार के बाद आशाओं के विस्तार तुम.

 

सूनी आँखों से…

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Posted on July 29, 2011 at 11:30am — 1 Comment

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At 3:19am on May 17, 2023,
सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर
said…

ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन कि हार्दिक शुभकामनायें।

At 9:22am on July 23, 2011, PREETAM TIWARY(PREET) said…

At 7:09pm on July 22, 2011, Admin said…

 
 
 

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"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
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"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
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"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
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"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
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"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
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"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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