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suresh jadav 'Binaganjvi'
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suresh jadav 'Binaganjvi''s Page

Profile Information

Gender
Male
City State
Binaganj
Native Place
Binaganj
Profession
deputy collector
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intrested in poems, gazals

Suresh jadav 'Binaganjvi''s Blog

किस्सा (कविता)

किस्सा
............

जिंदगी सपनों का संसार हुई.
आँखें जब से उन से चार हुई.
.
महकी इश्क की खुश्बू बहुत
दास्तानें सारी अखबार हुई.
.
याद करने का अंदाज देखो
हचकियाँ चिट्ठी पत्री तार हुई.
.
आफत में अब दिल आ गया
तेज धड़कनों की रफ्तार हुई.
.
सिलसिला कसमों का चला
रस्में ऊँची जब दीवार हुई.
.
हकीकत जमानें से बस यही
मुहब्बत किस्सों में साकार हुई.
.
(सुरेश बीनागंजवी)

मौलिक एवं अप्रकाशित

Posted on June 17, 2017 at 2:00am — 4 Comments

जिंदगी (कविता)

जिंदगी

...........



वक्त की रेत हाथों से, कुछ यूं फिसल गई.

जिंदगी समझे जब तक, जिंदगी निकल गई.

.

किया था वादा ता-उम्र, इमदाद का उसने

मुश्किलों मे किस्मत की भी, नीयत बदल गई.

.

बेमन उदास बैठी थी, तन्हाई में जब शाम

आमद जो उसकी हुई तो, तबियत बहल गई.

.

दुनिया की बंदिशों का, हमें इल्म है मगर

उसे पाने की फिर भी, ख्वाहिश मचल गई.

.

तूफां का जुनून 'सुरेश', काबिले तारीफ था

हौंसलों की जद्दोजहद से, कश्ती संभल…

Posted on June 17, 2017 at 1:57am — 3 Comments

Comment Wall (2 comments)

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At 8:01am on December 29, 2016, सुरेश कुमार 'कल्याण' said…
Happy birthday
At 5:37pm on November 22, 2016,
सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर
said…

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