सर्दीली सांझ ऐसे आई मेरे गाँव
Added by amita tiwari on January 19, 2021 at 4:00am — 2 Comments
नए वर्ष चल थाम उंगली दिखाऊँ
तुझ को बहुत काम करने को हैं
दिये जो जख्म गत वर्ष तूने
इस साल तुझ ही को भरने को हैं
आ चल दिखाऊँ तुझे यह स्कूल
दीवारों पे जाले हैं खाली पड़ा है
भरोसा दिलाना, घर से बुलाना
जिम्मा तुम्हारा यह सचमुच बड़ा है
आ चल दिखाऊँ सड़कें वो पटरी
वीरान चक्का भोंपू बहरा हैं
इंजन को जंग है चालक उनींदे
महीनों से सब कुछ यहीं ठहरा है
आ चल दिखाऊँ तुझको वीरानी
वीरान झूले…
ContinueAdded by amita tiwari on January 3, 2021 at 12:00am — 1 Comment
अपूर्ण मानव की अर्ध-क्षमताओं का पूर्ण उपहास उड़ाता
बीतते बीतते बीत गया यह साल
धरा चलती रही ,परिक्रमा करती रही
निज धुरी की भी सूरज की भी ...
चंद्रमा ने भी हिम्मत कहाँ हारी
ग्रहणों से ग्रसित होता रहा
मगर परिक्रमाएँ ढोता रहा
तारों ने कहाँ टिमटिमाना छोड़ा
घोड़ों ने कहाँ हिनहिनाना छोड़ा
कोयल भी वैसी ही कूकी
कागा भी वैसे ही कगराया
बस सिसकी…
ContinueAdded by amita tiwari on January 1, 2021 at 3:00am — 2 Comments
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