"ऐ मीनरी !! जा जरा पानी तो ले के आ , उफ़ गर्मी भी कितनी हो रही हैं अभी ब्लाक में एक मीटिंग में जाना हैं बेटी बचाओ अभियान की शुरुआत हैं आज वहां "
"इत्ती देर लगे क्या पानी लाने में !! एक तो भगवान् ने मेरी किस्मत में तीन तीन छोरिया लिख दी " ऊपर से सारा दिन किताबो में घुसी रहती है यह नही की घर का कम काज सीखे कलक्टर बनके सर पे नाचने के सपने देख रही ! " राना जी झल्लाते हुए जोर से चिल्लाये और पत्नी डर के मारे पानी का गिलास लिए उनके सामने पल्लू मुह में दबाये आन खड़ी हुयी .. क्या हैं यह !!! हैं !!…
Added by Priyanka singh on January 25, 2014 at 10:19pm — 34 Comments
मन शाम के बहानों से उदास
सोच के सागर किनारें
गुज़रते लम्हों के
सफ्हें बदलता रहा
कब आँखे थक कर
बैठ गयी ख़बर नहीं
ज़ेहन में एक तस्वीर
उभर आयी
शांत चेहरे पर
झीनी सी मुस्कराहट
होठों की नमी उड़ी थी कहीं
पर आँखे शरारती
जैसे कह रही थी मुझे
''अच्छा तो तुम अब ऐसे याद करोगी''
आँखे खुल गयी चौंक कर
कुछ नहीं था, कोई नहीं था
बस वो ख्याल था और
बहुत देर तक साथ रहा
आज…
ContinueAdded by Priyanka singh on January 19, 2014 at 4:36pm — 19 Comments
अभिनय कर तो लूँ
पर कच्ची हूँ
माँ पकड़ ही लेती है छुपाये गए
झूठे हाव भाव...
चुप रह कर सिर्फ सर हिला कर
उनकी बातों का जवाब देना
छत पर घंटों अकेले बिताना
रात भर जागना
और सुबह लाल आँखों से
माँ से कहना-
कुछ नहीं कल गर्मी बहुत थी
नींद नहीं आयी...
माँ ने भी कुछ न कह
बस पास बिठा कर कहा
चाय पियो आराम मिलेगा
वो तो समझ गयी...
काश मैं भी वो समझूं
जो वो मुझसे रोज़ न कहते हुए…
ContinueAdded by Priyanka singh on January 12, 2014 at 10:28pm — 16 Comments
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