पानी को ललात कहीं, दिखी भीड़ बिललात।
लम्बी सी कतार लगी, पात्र रीते घूरते।।
सूख गए कूप सारे, सूने पड़े नल कूप।
सूखी नदियों के घाट, मन देख खीझते।।
जल की…
ContinueAdded by Satyanarayan Singh on March 30, 2013 at 12:30am — 10 Comments
ओबीओ के समस्त सदस्यों को होली की मंगलमय शुभ कामनाएं
फाग अनुरागी बना, जगत बिरागी मन।
सुन्दर बसंती छटा, लगी मन…
ContinueAdded by Satyanarayan Singh on March 27, 2013 at 12:00am — 8 Comments
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