अच्छे दिन की यही तो शुरुआत है
सब बिज़ी ही रहें,खुशनुमा बात है
बात तन्हाइयों की चलाना नही
सब अंधेरे हो रुखसत, तो क्या बात है!!
झटका बिजली का अबतक तो खाया नही
रोशनी है मुसलसल,बड़ी बात है
जिन्दगी के सबब, वे सिखाने चले
जो जिये ही नही,क्या अज़ब बात है
मुफलिसी जिन्द़गी की अमानत सही
नूर झांका कमश्कम शुरुआत है
फालतू जिन्दगी यूँ ही ढोते रहे
एक मिशन अब मिला, खुशनुमा बात है
संगदिल बिन हुये सब चलें संग संग
आज सूरज से अपनी मुलाकात है
रोशनी हाथ…
Added by Dr.Brijesh Kumar Tripathi on April 20, 2016 at 10:39am — No Comments
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