चल तौल तराजू रिश्तों को
कुछ अपने पराये नातो को ...
एक तरफ चढा ले माँ को ही
सबसे प्यारा ये रिश्ता है
कचरों के डिब्बों में फिर क्यों
शिशुओं को फेंका जाता है
चल ...........
एक तरफ भाई और बंधू ले
फिर जर जमीन पर क्यों झगड़े है
पैसा धन दौलत पर से क्यों
सर अपनों के काटे जाते है
चल .........
एक तरफ जीवन साथी ले
ये जनम जनम का नाता है
तो तलाक फिर क्यों होते है
संग रहकर भी दुश्मन बनते है
चल…
Added by babita choubey shakti on May 16, 2016 at 10:00pm — 3 Comments
महाकाल दर लगो सिहस्थ है जनमन रहो हर्षाय
उज्जैनी नगरी देखो आज दुल्हनिया सी रही सुहाय
पितृ मिलन खो रेवा आई महाकाल रहे हर्षाय
शिप्रा रानी चरण पखारे., मिलन अनोखा रही कराय
एक और से गोरा रानी, लेय बलैेया नजर उतार
दूजी और गणराज हर्ष के, बहनी को है रहे निहार
कुम्भ मिलन खो सभी देवता सज धज आये खेवनहार
मित्र सुदामा राह तकत है, मित्र मिलन की प्यास जगाये
सांदीपनी घर मनमोहन आये शिक्षा रही यही पे पाय...
ब्रह्म बिष्णु नारद संग, राधे संग श्याम सरकार
सियाराम…
Added by babita choubey shakti on May 16, 2016 at 9:30pm — 4 Comments
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