For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

परित्यक्ता लघुकथा

"रामकली कँहा जा रही है ? "
"अरे !जिज्जी कहूँ नई इताइ आ जा र्इ हो।"
"काय री रामकली जो माथों सुनो तोहरी बिंदी कहा गई री ?और मांग भी सुनी है?"
"अरे सपरो हतो सो गिर गई हुहे"।
" हे राम !जा जिज्जी तो और अबै सबरो भेद खुल जातो ।हम तो पेंशन लाने जो सब कर रहे हते।का होत है दो पल सुहाग छुड़ा के सरकार से पैसा लेबे में।"
और रामकली पति के साथ होते हुए भी सरकारी परित्यक्ता की पेंशन लेने चली जाती है।

बबिता चौबे शक्ति
मौलिक व् अप्रकाशित

Views: 600

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by babita choubey shakti on May 29, 2015 at 1:58pm

परम् आदरणीय डॉ प्राची जी सौरभ पाण्डे जी वीर जी सादर नमन बास्तव में विधवा पेंशन ही है पर परित्यक्ता सहायता राशि और जॉब में कुछ आरक्षण है. उसके लिये मुझे शब्द नही मिल रहे थे सो क्षमा चाहूंगी पर मैने अपनी आँखों से ऐसा होते हुये देखा इसलिये मैने लिख दिया महोदय जी लेते तो दोनों है सरकारी योजनाओं का गलत तरीके से फायदा
आप सभी का आभार व् धन्यवाद


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on May 28, 2015 at 10:24pm

अच्छी लघु कथा कही है आ० बबिता जी 

नैतिक पतन का ये स्वरुप भी.....

आपने बहुत सुन्दरता से विषयवस्तु को प्रस्तुत किया है, मेरा संशय भी परित्यक्ताओं को मिलने वाली सरकारी पेंशन पर ही है.

प्रस्तुत लघुकथा पर हार्दिक बधाई प्रेषित है 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on May 28, 2015 at 7:04pm

कथा का सार तो सन्न कर देता है. आज के समाज के नैतिक पतन की पराकाष्ठा को सुन्दरता से शब्दबद्ध किया गया है.

वैसे आदरणीय नीलेश जी ने सही सवाल उठाया है, जो अब भी अनुत्तरित है, आदरणीया बबिताजी, कि, पेंशन विधवाओं को मिलता है या परित्यक्ताओं को भी ?

इस लघुकथा के विन्यास केलिए शुभकामनाएँ ..

Comment by VIRENDER VEER MEHTA on May 28, 2015 at 10:54am

आदरणीय बबिता चौबे जी सुन्दर कथा !  सादर बधाई .....

// दो पल सुहाग छुड़ा के सरकार से पैसा लेबे में //  कथा में ये पंक्ति आज के समाज में नैतिक मूल्य की और भी इशारा करता है !

Comment by babita choubey shakti on May 27, 2015 at 11:23pm
आदरणीय मिथलेश जी शकूर जी नीलेश जी हार्दिक आभार व् धन्यबाद

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on May 27, 2015 at 10:43pm

अच्छी लघुकथा हुई है बधाई 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on May 27, 2015 at 8:10pm

अच्छी लघुकथा है

Comment by Nilesh Shevgaonkar on May 27, 2015 at 12:47pm

अच्छी कहानी है ..
परित्यक्ता पेंशन है या विधवा पेंशन ?

Comment by babita choubey shakti on May 27, 2015 at 12:08pm
आदरणीय डॉ रामगोपाल जी धन्यबाद कथा पसंद करने के लिये
Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on May 27, 2015 at 11:41am

सरकारी  मशीनरी में यह भी संभव है . अच्छी कथा .

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"अगले आयोजन के लिए भी इसी छंद को सोचा गया है।  शुभातिशुभ"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आपका छांदसिक प्रयास मुग्धकारी होता है। "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह, पद प्रवाहमान हो गये।  जय-जय"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभाजी, आपकी संशोधित रचना भी तुकांतता के लिहाज से आपका ध्यानाकर्षण चाहता है, जिसे लेकर…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाई, पदों की संख्या को लेकर आप द्वारा अगाह किया जाना उचित है। लिखना मैं भी चाह रहा था,…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. प्रतिभा बहन सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए है।हार्दिक बधाई। भाई अशोक जी की बात से सहमत हूँ । "
Sunday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी, हार्दिक धन्यवाद  आभार आपका "
Sunday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद  आभार आदरणीय अशोक भाईजी, "
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। चित्रानुरूप सुंदर छंद हुए हैं हार्दिक बधाई।"
Sunday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीया प्रतिभाजी "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी बहुत सुन्दर भाव..हार्दिक बधाई इस सृजन पर"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह..बहुत ही सुंदर भाव,वाचन में सुन्दर प्रवाह..बहुत बधाई इस सृजन पर आदरणीय अशोक जी"
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service