अब जो तुम ना लोटोगे तो
आओ फिर बटवारा कर लो
तुम अपने दिल से जो चाहो
वो सभी सोगातें रख लो....
हाँ मैं दोषी नहीं फिर भी चलो
मेरी गवाही तुम ले लो
गिनाते थे जो ऐब मुझ को
वो तुम अब लिख के दे दो.....
भर के रखे तुम्हारे लिए
अरमानो के पैमाने जो
जाते हुए उनका अंतिम
संस्कार खुद से कर दो
अब भी कोई बता दो
शर्त रखते हो तो
इस वक़्त उसे भी
आखिरी सलामी दे दो....
सूखे फूलो…
ContinueAdded by Priyanka singh on May 17, 2013 at 2:00am — 27 Comments
एक बीते वक़्त सा
कुछ भूल जाना अच्छा होगा
जिसके दामन में दुःख के सिवा
मन को भिगोते
गलतफहमियो के घने बादल,
शिकायतों की बिजलियां
गरजते - गडगडाते काले
शक के भरे बरसने को
बेकाबू सवालों के मेघ
और कुछ डरावनी रातें होंगी;
भूल जाना कुछ कड़वे शब्द
उनकी तपिश आँखों को
और कभी जो दिल को
जलाती रही ओस से भीगी,
ठंडी रातों में भी और
दर्द देती रही मेरे शांत पड़े
कानो को जो अकसर,
दर्द से कराह…
ContinueAdded by Priyanka singh on May 5, 2013 at 5:23pm — 27 Comments
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