२१२२/२१२२/२१२/
मंज़िलों का जो पता दे जाएगा
ज़िंदगी का फ़लसफ़ा दे जाएगा.
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और थोड़ा फ़ासला दे जाएगा
ज़िंदगी की गर दुआ दे जाएगा.
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दिल को सतरंगी छटा दे जाएगा
फिर धड़कने की अदा दे जाएगा.
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ग़म हमें अब और क्या दे जाएगा
बस नया इक तज्रिबा दे जाएगा.
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आएगा कोई पयम्बर फ़िर नया
फ़िर नया हम को ख़ुदा दे जाएगा.
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जब वो सोचेगा हमारे वास्ते
फिर वो मीरा, राबिया दे जाएगा.
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“नूर” बरसेगा ख़ुदा का एक दिन
मुश्किलों…
Added by Nilesh Shevgaonkar on June 28, 2015 at 10:54am — 31 Comments
२१२२/१२१२/२२ (११२)
लोग समझे कि शाइरी होगी
बात तो सिर्फ़ आप की होगी
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रोज़ साहिल पे आ के रुकती है
शाम की कोई बे-बसी होगी
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तेरे जाने का ग़म रहा मुझ को
ग़म को कितनी खुशी हुई होगी.
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अपने जादू से जीत लेती है
ये कज़ा भी कोई परी होगी.
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ले चलूँ बेटी के लिए गुडिया
मुँह फुलाए वो अनमनी होगी.
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मेरे दर पे ख़ुशी है आने को
आती होगी!! कहीं रुकी होगी.
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दर्द की चींटियाँ लिपटती हैं
दिल में यादों की चाशनी…
ContinueAdded by Nilesh Shevgaonkar on June 17, 2015 at 4:30pm — 19 Comments
१२१२/११२२/१२१२/११२
नया सफ़र भी पुराना रहा, नया न हुआ
मैं आदमी न हुआ और वो ख़ुदा न हुआ.
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सहर मलेगी अभी मुँह पे, रात के कालिख़
वो आफ़्ताब उछालूँगा जो हवा न हुआ.
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अजीब जात हूँ जो टूटकर पनपता हूँ
वगर्ना टूट के पत्ता कोई हरा न हुआ.
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ये कायनात कहाँ और ऐ बशर तू कहाँ
बड़ा समझने से ख़ुद को…
Added by Nilesh Shevgaonkar on June 3, 2015 at 9:10am — 28 Comments
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