मस्त वर्षा ऋतु निराली !
मस्त वर्षा ऋतु निराली, मेघ बरसे साँवरा ।
भीगती है सृष्टि सारी, देख मन हो बाँवरा ।।
झूमता सावन लुभाता, शोर करती है हवा ।
मग्न होकर मोर नाचें, गीत गाते हैं…
ContinueAdded by Satyanarayan Singh on July 27, 2014 at 7:30pm — 10 Comments
अवनी अम्बर जीव चराचर
सुख पा सब हर्षाये
वर्षा प्रेम सुधा बरसाये
प्रियतम को आमंत्रित करने
मेघ दूत बन आये
नील गगन के मुख मंडल पर
श्वेत श्याम घन छाये
वर्षा प्रेम सुधा बरसाये
बहे पवन मदमस्त झूम के
पुरवा मन अलसाये
प्रेम मिलन संकेत सरित ने
अर्णव संग जताये
वर्षा प्रेम सुधा बरसाये
छैला दिनकर आज धरा से
छिप छिप नैन लड़ाये
प्रेम जलज बिहँसे इस जग…
ContinueAdded by Satyanarayan Singh on July 27, 2014 at 1:00pm — 12 Comments
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