For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

वर्षा प्रेम सुधा बरसाये

अवनी अम्बर जीव चराचर

सुख पा सब हर्षाये   

वर्षा प्रेम सुधा बरसाये

        

प्रियतम को आमंत्रित करने  

मेघ दूत बन आये   

नील गगन के मुख मंडल पर

श्वेत श्याम घन छाये

वर्षा प्रेम सुधा बरसाये

 

बहे पवन मदमस्त झूम के  

पुरवा मन अलसाये

प्रेम मिलन संकेत सरित ने

अर्णव संग जताये  

वर्षा प्रेम सुधा बरसाये

 

छैला दिनकर आज धरा से     

छिप छिप नैन लड़ाये  

प्रेम जलज बिहँसे इस जग में  

कभी न वह मुरझाये

वर्षा प्रेम सुधा बरसाये

 -सत्यनारायण सिंह

मौलिक व अप्रकाशित 

Views: 700

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Satyanarayan Singh on August 2, 2014 at 11:28pm

परम आदरणीय सौरभ जी, आपका हार्दिक आभार! आपके अनुमोदन ने रचना को सार्थकता प्रदान की है! बधाई एवं असीम शुभकामनाओं हेतु सादर धन्यवाद ! आदरणीय 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on August 1, 2014 at 3:29pm

वर्षा ऋतु के मनोहर रूप को आपने मनभावन ढंग से प्रस्तुत किया है, आदरणीय सत्यनारायणजी.

प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई और असीम शुभकामनाएँ.. .

Comment by Satyanarayan Singh on July 29, 2014 at 11:38am

आदरणीय डॉ. आशुतोष जी, आपके अनुमोदन ने रचना को सार्थकता प्रदान की है!

सादर धन्यवाद !

Comment by Satyanarayan Singh on July 29, 2014 at 11:36am

अनुमोदन के लिए हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय लडिवाला जी 

Comment by Satyanarayan Singh on July 29, 2014 at 11:35am

आत्मीय अनुमोदन के लिए सादर धन्यवाद आदरणीय विजय निकोरे जी , 

Comment by Satyanarayan Singh on July 29, 2014 at 11:34am

आ. डॉ. गोपाल नारायन जी, आपके स्नेहिल भावों ने मन को आह्लादित किया है|

आशीर्वाद बनाए रखिए

Comment by Satyanarayan Singh on July 29, 2014 at 11:32am

अनुमोदन के लिए हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय सुशिल सरना जी 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on July 28, 2014 at 4:37pm

आदरणीय ..बेहतरीन शब्दों से सुसज्जित दिलो को छू लेने वाली शानदार रचना के लिए हार्दिक बधाई सादर 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on July 28, 2014 at 11:41am

अवनी अम्बर जीव चराचर

सुख पा सब हर्षाये   

वर्षा प्रेम सुधा बरसाये---सुन्दर और भावपूर्ण गीत रचना हुई है | हार्दिक बधाई श्री सत्यनारायण सिंह जी 

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on July 27, 2014 at 8:11pm

सत्य जी

आपने तो मन मोह लिया -

छैला दिनकर आज धरा से     

छिप छिप नैन लड़ाये  

 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Aazi Tamaam replied to Ajay Tiwari's discussion मिर्ज़ा ग़ालिब द्वारा इस्तेमाल की गईं बह्रें और उनके उदहारण in the group ग़ज़ल की कक्षा
"बेहद खूबसूरत जानकारी साझा करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया आदरणीय ग़ालिब साहब का लेखन मुझे बहुत पसंद…"
9 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
12 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।   ........   धरा चाँद जो मिल रहे, करते मन…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"आम तौर पर भाषाओं में शब्दों का आदान-प्रदान एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। कुण्डलिया छंद में…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"जिन स्वार्थी, निरंकुश, हिंस्र पलों का यह कविता विवेचना करती है, वे पल नैराश्य के निम्नतम स्तर पर…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"आदरणीय  उस्मानी जी डायरी शैली में परिंदों से जुड़े कुछ रोचक अनुभव आपने शाब्दिक किये…"
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
Jul 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
Jul 30
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

अस्थिपिंजर (लघुकविता)

लूटकर लोथड़े माँस के पीकर बूॅंद - बूॅंद रक्त डकारकर कतरा - कतरा मज्जाजब जानवर मना रहे होंगे…See More
Jul 29

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार , आपके पुनः आगमन की प्रतीक्षा में हूँ "
Jul 29

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई ग़ज़ल की सराहना  के लिए आपका हार्दिक आभार "
Jul 29
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Jul 27

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service