एक दिन मुझ सा जी लो
हाँ बस एक दिन मुझ सा जी लो
जाग जाओ पाँच बजे तुम और बर्तन सारे धो लो
पानी भरने के खातिर फिर सारे नल तुम खोलो
कपड़,पोछा,झाड़ू करकट बस एक बार तो कर लो
बस एक दिन मुझ सा जी लो
नाश्ते खाने की लिस्ट बनाओ
राशन, बाज़ार करके…
ContinueAdded by AMAN SINHA on July 23, 2022 at 11:42am — No Comments
पा लेता हूँ जहां को तेरी चौखट पर लेकिन
तेरी एक बूंद से मेरी प्यास नहीं बुझती
भुला सकता हूँ मैं अपना वजूद भी तेरी खातिर पर
तुझसे एक पल की दूरी मुझसे बर्दाश्त नहीं होती
भूल जाता हूँ मैं ग़म अपने होंठो से लगाकर तुझे
जब तक छु ना लूँ तुझे मेरी रफ्तार नहीं बढ़ती
बड़ा सुकून मिलता है नसों मे तेरे घुलने से
किसी भी साज़ मे ऐसी कोई बात…
ContinueAdded by AMAN SINHA on July 15, 2022 at 10:20am — No Comments
जो मैं होता गीत कोई तो तुम भी मुझको गा लेते
जो मैं होता खामोश परिंदा तो अपना मुझे बना लेते
जो मैं होता फूल कोई तो गजरा मुझे बना लेते
जो मैं होता इत्र कोई तो तन पर मुझे लगा लेते
जो मैं होता काजल तो तुम टीका मेरा कर…
ContinueAdded by AMAN SINHA on July 11, 2022 at 1:01pm — No Comments
मैं जताना जानता तो बन बैरागी यूं ना फिरता
मेरे ही ख़िलाफ़ ना होता आज ये उसूल मेरा
मैं ठहरना जानता तो बन के यूं भंवरा ना फिरता
मेरे पग को बांध लेता फिर कोई अरमान मेरा
मैं बताना जानता तो दाग़ लेकर यूं ना…
ContinueAdded by AMAN SINHA on July 6, 2022 at 11:40am — No Comments
दीवारें हैं छत हैं
संगमरमर का फर्श भी
फिर भी ये मकान अपना घर नहीं लगता
चुकाता हूँ
मैं इसका दाम, हर तारीख पहली…
ContinueAdded by AMAN SINHA on July 1, 2022 at 11:30am — No Comments
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