चन्दन सा महका कर मन को बरसे काले मेह
चन्दन सा महका कर मन को
बरसे काले मेह
बूँद-बूँद में व्यथा समेटे
दहके कोई देह
हर आहट के धोखे ने
मुझको तहस-नहस कर डाला
सूनी वेदी पर खड़ी रही मैं
लिए हाथ में वर की माला
आएगा कि नहीं? हृदय में
उठते सौ संदेह
चन्दन सा महका कर मन को
बरसे काले मेह
बूँद-बूँद में व्यथा समेटे
दहके कोई देह
प्यास प्रेम की वो पहचाने
जो…
ContinueAdded by SudhenduOjha on July 7, 2018 at 3:08pm — No Comments
मुझे भी तुमसे मुहब्बत की आस है प्यारे।
कदम-कदम पे सलीबों की प्यास है प्यारे॥
ख़यालो-ख्वाब, तसव्वुर भी जुर्म होते हैं।
चले भी आओ हर नज़ारा उदास है प्यारे॥
मुझे भी पढ़ के किताबों में दफ्न कर देना।
वाकिफ हैं तुम्हारी आदत खास है…
ContinueAdded by SudhenduOjha on July 2, 2018 at 1:00pm — No Comments
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