फ़ाइलुन -फ़ाइलुन - फ़ाइलुन -फ़ाइलुन
2 1 2 - 2 1 2 - 2 1 2 - 2 1 2
वो नज़र जो क़यामत की उठने लगी
रोज़ मुझपे क़हर बनके गिरने लगी
रोज़ उठने लगी लगी देखो काली घटा
तर-बतर ये ज़मीं रोज़ रहने लगी
जबसे तकिया उन्होंने किया हाथ पर
हमको ख़ुद से महब्बत सी रहने लगी
एक ख़ुशबू जिगर में गई है उतर
साँस लेता हूँ जब भी महकने…
Added by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी on September 27, 2020 at 10:31am — 40 Comments
212-122-1212
मैं जो कारवाँ से बिछड़ गया
यूँ तुम्हारे दर पे ही पड़ गया
दिल गया ख़ुशी की तलाश में
साथ उनके हम से बिछड़ गया
ये गरेबाँ गुल-रू की चाह में
क्या कहूँ के फिर से उधड़ गया
वो दुआ थी तेरी या बद् दुआ
ये नसीब अपना बिगड़ गया
कोई ज़िन्दगी तो सँवर गई
ग़म नहीं मुझे मैं उजड़ गया
वो तुम्हारी आँखों में चुभ रहा
लो हमारा ख़ेमा उखड़ गया
मैं झुका…
ContinueAdded by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी on September 20, 2020 at 6:30pm — 10 Comments
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