काम से शहर आते वक्त धीरज ने मोतीचूर के लड्डू भी ले लिए अपने कमिश्नर हो चुके बचपन के मित्र नील के लिए । उत्साह भरे कदमों से जैसे ही बंगले में कदम रखा कि गार्ड ने रोक लिया । गार्ड के रोके जाने के बाद भी उसे उम्मीद थी कि उसका नाम सुनते ही नील दौड़ा आयेगा लेकिन गार्ड की नजरों के गहरे भाव नें मित्र की व्यस्तता की सूचना के साथ ही वो भ्रम भी तोड़ दिया।
लड्डू के डिब्बे पर नजर गई तो वो सकुचा उठा ।गार्ड मानों उसे ताड़ चुका था ।
"साहब तो काजू कतली के सिवा कोई मिठाई नहीं खाते है । "
"ओह…
Added by jyotsna Kapil on September 4, 2015 at 4:30pm — 15 Comments
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