मां की ममता, पिताजी का त्याग,
बहन की समझदारी, भाई का प्यार!
क्या यही है रिश्तो की बुनियाद,
ये रिश्ते कभी नहीं होते बेकार!
माँ की ममता हमारे दुख भूलती,
हमको हमेशा सही राह दिखाती!
पिताजी कात्याग देता देता अनुशासन का पाठ,
बनता है हमको और भी महान!
बहन की समझदारी हमें हमेशा हौसला दिलाती,…
ContinueAdded by Smrit Mishra on September 20, 2011 at 1:14am — 1 Comment
न कोई गिला, न कोई शिकवा,
उनसे न मिलना भी है एक सजा;
न मिले हम उनसे तो दिल डूबा रहता है उनकी यादो में,
मिले अगर हम उनसे तो दिल डूबा रहता है अरमानो में;
डरते हैं हम कि कहीं हम बह न जाएँ इन अरमानो में,
कहीं रह न जाये बस वो मेरे खयालो में;
मेरी जिंदगी में बस यही कशमकश है,
और बस यही मेरी जिंदगी की उलझन है;
जितना उनको खोना है …
Added by Smrit Mishra on September 11, 2011 at 10:29pm — 2 Comments
Added by Smrit Mishra on September 11, 2011 at 10:28pm — No Comments
दिल्ली जो कि दिलवालों कि नगरी कहलाती है उसपर एक के बाद एक मुसीबते टूटती जा रही है.
यहाँ पर गोलीबारी, लूटपाट, चोरी, अपहरण, हत्या जैसी समस्या आम हो गयी है, जहाँ पर दिल्ली दिलवालों का शहर हुआ करता था वही आज कल यह गुनाहों का शहर बन गया है.
जहाँ पर लोगो को घर से निकलते भी यह सोचना पड़ता है कि वो सही सलामत घर आ भी पाएंगे कि नहीं. अगर हम किसी भी तरह इस मानव निर्मित आपदाओ से बच भी जाये तो प्राकृतिक आपदा भी हमारा पीछा नहीं छोडती है.
ठीक इसी प्रकार कि घटना ०७/०९/२०११ को घटी पहले तो…
Added by Smrit Mishra on September 8, 2011 at 12:36am — No Comments
दीवानगी क्या चीज़ है, मालूम न था;
इश्कियां क्या चीज़, मालूम न था;
क्यों लोग खो जाते है ख्यालो में, मालूम न था;
क्यों हो जाते है लोग स्थिल, मालूम न था;
आज मेरे हर सवालों का जवाब मुझे मिला;
जिन्दगी का एक नया सबक मैंने सिख लिया;
सिख लिए मैंने प्यार करने के तरीके,
और सिख ली मैंने इश्क को जताने के सलीके;
आज एक हौसला दिल में नया जगा;
जिसने जिन्दगी जीने का हौसला दिला दिया;
आज नयी उमंगो ने दी है दिल में दस्तक;
जिनके…
ContinueAdded by Smrit Mishra on September 7, 2011 at 10:25pm — 1 Comment
Added by Smrit Mishra on September 6, 2011 at 3:00pm — No Comments
Added by Smrit Mishra on September 5, 2011 at 11:53pm — No Comments
Added by Smrit Mishra on September 5, 2011 at 11:52pm — No Comments
जिन्दगी का सफ़र कितना लम्बा है,
ये मालूम न था;
यादों की महफ़िल कितनी बड़ी है,
ये मालूम न था;
चाहता तो मैं भी तुम्हे था,
पर दिल में तेरे क्या है,
ये मालूम न था;
जब पता चला तो होश मैंने खो दिए,
तुझे पाने के लिए ,मेरे दिल ने रो दिए;
दीदार- ए-बिन तेरे रहना है मुश्किल,
पर तुझको पाना भी है मुश्किल;
चाह कर भी मैं तुझको अपना बना नहीं सकता,
पर तेरे बिना रह भी तो नहीं सकता;
दुआं मांगता हूँ खुदा से यही,
खुश…
ContinueAdded by Smrit Mishra on September 5, 2011 at 11:49pm — No Comments
पहले कभी ऐसा तो था नहीं मैं,
दीवाना तुमने मुझको बना दिया;
सोचा कभी नहीं बदलूँगा मैं,
तेरे इश्क ने मुझको बदल दिया;
इश्क क्या चीज़ है मालूम न था,
तेरे मुहब्बत ने मुझको दीवाना बना दिया;
क्यों करते हो मुझ पर भरोसा…
ContinueAdded by Smrit Mishra on September 4, 2011 at 12:30pm — 1 Comment
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