जिन्दगी का सफ़र कितना लम्बा है,
ये मालूम न था;
यादों की महफ़िल कितनी बड़ी है,
ये मालूम न था;
चाहता तो मैं भी तुम्हे था,
पर दिल में तेरे क्या है,
ये मालूम न था;
जब पता चला तो होश मैंने खो दिए,
तुझे पाने के लिए ,मेरे दिल ने रो दिए;
दीदार- ए-बिन तेरे रहना है मुश्किल,
पर तुझको पाना भी है मुश्किल;
चाह कर भी मैं तुझको अपना बना नहीं सकता,
पर तेरे बिना रह भी तो नहीं सकता;
दुआं मांगता हूँ खुदा से यही,
खुश रहे इस जहां पर सभी;
खुश रहो तुम भी सदा ,
जब मैं न होऊं इस जहां;
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