Added by Chetan Prakash on September 24, 2023 at 9:46am — 1 Comment
1222 1222 1222 1222
सुहाना सुब्ह मौसम है तुम्हें अब ग़म नहीं होता
खिली है धूप गुलशन में सवेरा कम नहीं होता
वो काली रात है तारी अँधेरा कम नहीं होता
ये कैसा वक़्त आया है सनम हमदम नहीं होता
परायापन बना हासिल कि रिश्तों दम नहीं होता
न प्यारा कोई है दुनिया कभी दुख कम नहीं होता
तुम्हारी आँख का पानी अभी क्यों सूखता जानाँ
हमे तो शर्म आती हैं पशेमाँ दम नहीं होता
तुम्हारे शह्र के हालात वो…
ContinueAdded by Chetan Prakash on September 15, 2023 at 8:22am — 2 Comments
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