ये आसमां धुआँ-धुआँ क्यों है?
सुबू शाम बुझा-बुझा क्यों है?
इन्सां बाहर निकलने से डर रहा है
बीमारियों की फ़िज़ा क्यों है?
यह सारा किया उसी ने है
ज़हर फैलाया उसी ने है
बेजान इमारतों के ख़ातिर
वृक्षों को गिराया उसी ने है
कितने अपशिष्ट जलाए उसने?
कितने कारखाने चलाए उसने?
क्या उसे नहीं पता ?
इतनी बद्दुआएँ क्यों हैं?
ये आसमां धुआँ-धुआँ क्यों है?
मौलिक एवं अप्रकाशित
Added by Usha Awasthi on November 21, 2019 at 11:30am — 3 Comments
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