ये आसमां धुआँ-धुआँ क्यों है?
सुबू शाम बुझा-बुझा क्यों है?
इन्सां बाहर निकलने से डर रहा है
बीमारियों की फ़िज़ा क्यों है?
यह सारा किया उसी ने है
ज़हर फैलाया उसी ने है
बेजान इमारतों के ख़ातिर
वृक्षों को गिराया उसी ने है
कितने अपशिष्ट जलाए उसने?
कितने कारखाने चलाए उसने?
क्या उसे नहीं पता ?
इतनी बद्दुआएँ क्यों हैं?
ये आसमां धुआँ-धुआँ क्यों है?
मौलिक एवं अप्रकाशित
Comment
आप सभी का हार्दिक आभार
आद0 उषा अवस्थी जी सादर अभिवादन। समसामयिक विषय पर अच्छी रचना की है आपने। आद0 समर साहब की बातों का संज्ञान लीजिये। रचना पर बधाई स्वीकार कीजिये।
मुहतरमा ऊषा अवस्थी जी आदाब,रचना का प्रयास अच्छा है,बधाई स्वीकार करें ।
सुबू शाम बुझा-बुझा क्यों है
इस पंक्ति में 'सुब्ह' को "सुबू" लिखना उचित नहीं है ।
'बीमारियों की फ़िज़ा क्यों है'
इस पंक्ति में सहीह शब्द है "फ़ज़ा" देखियेगा ।
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