For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सत्य (अतुकान्त)

ऊँचे तो वही उठ पाएंगे

जो सत्य की गहराई

झूठ का उथलापन

जान जाएंगे

जो सत्य को कमजोर समझते

विनम्रता का तिरस्कार करते

वैराग्य का उपहास उड़ाते हैं

वह बुद्धि बल से पंगु

अपनी दुर्बलता छिपाते हैं

जो सत्य को तोड़ते, मरोड़ते हैं

वे साहित्यकार नहीं

चाटुकार होते हैं

दिन कहाँ समान रहते हैं?

सत्य है, आज इसकी

कल उसकी झोली भरते हैं

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 653

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Usha Awasthi on November 1, 2021 at 11:59am

आ0 तेज वीर सिंह जी, हार्दिक आभार आपका

Comment by TEJ VEER SINGH on October 31, 2021 at 7:10pm

हार्दिक बधाई आदरणीय । बेहतरीन प्रस्तुति।

Comment by Usha Awasthi on October 30, 2021 at 10:34pm

आदाब , आ0 शेख शहज़ाद उस्मानी साहेब, आपको विचार बेबाक लगे , मेरा लेखन सार्थक हुआ। हार्दिक धन्यवाद

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on October 30, 2021 at 7:08pm

आदाब। कम शब्दों में बेबाक विचारोत्तेजक सत्य अभिव्यक्ति। हार्दिक बधाई आदरणीय उषा अवस्थी जी।

Comment by Usha Awasthi on October 30, 2021 at 12:38pm

आ0 अमीरुद्दीन 'अमीर' साहेब, रचना पर सुन्दर प्रतिक्रिया हेतु बहुत-बहुत  धन्यवाद आपका

Comment by Usha Awasthi on October 30, 2021 at 12:33pm

आ0 समर कबीर साहेब, रचना  आपको अच्छी लगी,जानकर खुशी हुई।हार्दिक धन्यवाद आपका

Comment by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी on October 30, 2021 at 7:46am

मुहतरमा ऊषा अवस्थी जी आदाब, सत्य वचन। सुन्दर अतुकांत कविता के लिए हार्दिक बधाईयाँ स्वीकार करें।  सादर।

Comment by Samar kabeer on October 30, 2021 at 7:25am

मुहतरमा ऊषा अवस्थी जी आदाब , अच्छी अतुकांत कविता हुई है , बधाई स्वीकार करें I 

Comment by Usha Awasthi on October 29, 2021 at 2:06pm

आ0  सुशील सरन जी , रचना सहज लगने हेतु हार्दिक धन्यवाद आपका

Comment by Sushil Sarna on October 28, 2021 at 8:33pm
वाह आदरणीया जी भावों की सहज अभिव्यक्ति । हार्दिक बधाई

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
10 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
17 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
17 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
19 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
19 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
20 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
20 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
20 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"असमंजस (लघुकथा): हुआ यूॅं कि नयी सदी में 'सत्य' के साथ लिव-इन रिलेशनशिप के कड़वे अनुभव…"
21 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब साथियो। त्योहारों की बेला की व्यस्तता के बाद अब है इंतज़ार लघुकथा गोष्ठी में विषय मुक्त सार्थक…"
yesterday
Jaihind Raipuri commented on Admin's group आंचलिक साहित्य
"गीत (छत्तीसगढ़ी ) जय छत्तीसगढ़ जय-जय छत्तीसगढ़ माटी म ओ तोर मंईया मया हे अब्बड़ जय छत्तीसगढ़ जय-जय…"
yesterday
LEKHRAJ MEENA is now a member of Open Books Online
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service