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दिनेश कुमार's Blog – December 2017 Archive (2)

ग़ज़ल --- असर होता है // दिनेश कुमार

2122--1122--1122--22

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एक पत्थर पे भी उल्फ़त का असर होता है

दिल मे जज़्बा हो तो दीवार में दर होता है

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घुप अँधेरे में उजाले की किरण सा जीवन

जो भी जी जाए, वो दुनिया में अमर होता है

.

उसको हालात की गर्मी की भला क्या चिन्ता

जिसकी दहलीज़ पे अनुभव का शजर होता है

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आपसी प्यार मकीनों में हो, घर तब होगा

दरो-दीवार का ढांचा तो खँडर होता है

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वो न सह पायेगा इक पल भी हक़ीक़त की तपिश

जिसके ख़्वाबों का महल मोम का घर होता…

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Added by दिनेश कुमार on December 31, 2017 at 1:33pm — 20 Comments

ग़ज़ल -- "इसके आगे बस ख़ुदा का नाम है" / दिनेश कुमार

2122--2122--212

भाग्य तेरे कर्म का परिणाम है

तुझ पे ही निर्भर तेरा अंजाम है

मेरे हमराही को भी ठोकर लगी

मेरे दिल को अब ज़रा आराम है

सिर्फ़ सच की राह पर चलता हूँ मैं

आबला-पाई मेरा इनआ'म है

उसकी मर्ज़ी है अता कुछ भी करे

बस दुआ करना हमारा काम है

शख़्सियत अपनी निखारो मुफ़्त में

मुस्कुराहट का न कोई दाम है

हम फ़क़ीरों की नज़र से देखिये

जिस्म इक मन्दिर है पावन धाम है

हम यथा सम्भव मदद सब की करें

आदमीयत का यही पैग़ाम…

Continue

Added by दिनेश कुमार on December 26, 2017 at 6:46am — 18 Comments

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अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से मश्कूर हूँ।"
55 minutes ago

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मिथिलेश वामनकर posted a discussion
6 hours ago

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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय  दिनेश जी,  बहुत बढ़िया ग़ज़ल हुई है। शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल कीजिए। सादर।"
6 hours ago

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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर बागपतवी जी,  उम्दा ग़ज़ल हुई है। शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल कीजिए। सादर।"
6 hours ago

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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
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6 hours ago

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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय  जी, बढ़िया ग़ज़ल हुई है। शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल कीजिए। गुणिजनों की इस्लाह तो…"
6 hours ago

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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
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6 hours ago

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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीया रिचा जी,  अच्छी ग़ज़ल हुई है। शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल कीजिए। सादर।"
6 hours ago

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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,  बहुत ही बढ़िया ग़ज़ल हुई है। शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल कीजिए।…"
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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
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Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
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8 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी, बहुत धन्यवाद। "
8 hours ago

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