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भावना तिवारी's Blog – February 2013 Archive (2)

एक नज़्म ...तुम्हारे नाम

आज की रात बहुत भारी है 

पीर है या कि जैसे आरी है !! 

आती जाती हुई साँसों में दम निकलता है,

लम्हाँ-लम्हाँ तुम्हें पाने को दिल मचलता है !   

गहरे सन्नाटे में हर ओर तेरी आवाज़ें..

इस अंधेरे में जागतीं हैं कुछ तेरी यादें !

मेरी आँखों में तडपते…
Continue

Added by भावना तिवारी on February 2, 2013 at 11:30am — 16 Comments

विवशता ..!!

रोटियाँ सिंक रहीं हैं ..!
उठती भाप,
बढ़ता ताप,
खौलता धमनियों में खून
मचल पड़ते नाखून
खरोंचने को ...खुद को
चिमटा,बेलन घर के अपने थे
आग पर चढ़ा दिया
जला दिया
इच्छाओं को ..
मैं चुपके से देखती हूँ
इन रोटियों में अक्स अपना !!
आती जाती हर आँख
सेंकती नज़र आती है रोटियाँ
भीतर उठता है धुआँ
और गहरे डूब जातीं हैं
भूख में मौन मन
विवश
देखता है
रोटियाँ सिंक रहीं हैं ..!!
~भावना

Added by भावना तिवारी on February 1, 2013 at 8:46am — 9 Comments

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