For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गाँव की धरती (कविता)

गाँव की धरती

गाँव की छवि अति निराली
शहर से छटा उसकी है न्यारी
गगनचुंबी से मुक्त धरा है होती
खुले आकाश सँग बातें ज्यादा है होती ।

सुबह सवेरे गाय बैल जगाते
दुग्ध धोने अपने ग्वाल को पुकारते

रुनझुन करती आती श्यामा
खुश हो जाती घर में दादी माँ

हल लेकर खेतो को निकलते
मेहनतकश पुरुष पसीना बहाते

बरगद नीम की छाँव तले बैठकर
खाते रोटी अचार चटनी प्याज मिलकर

हँसी ठट्ठा औ कोलाहल होता
हर घर से अपनापन है मिलता

सब कोई चाचा ताऊ हैं होते
दादी नानी सँग खेले पोते

खाना पीना सरल सात्विक है होता
न कोई यहाँ पिज़्ज़ा बर्गर है होता

सुनती हूँ आवाज़ कहीं से
लगता आती पुकार वहीं से

नदी किनारे बरगद कदम की डाली
विधाता होता है इसका माली

ले चल मन ऐसी ही जगह पर
मन नहीं लगता अब और कहीं पर।

  • स्वरचित, अप्रकाशित, अप्रसारित।

Views: 599

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on May 2, 2022 at 7:45am

सुप्रभात आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, हो जाता है। आप ने रचना पढ़ी यही बहुत है। सादर। 

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on May 1, 2022 at 8:27pm

आ. कल्पना बहन, शायद यह टिप्पणी लिखते समय  दिमाग किसी लघुकथा की ओर भटक गया लगता है। अन्यथा न लें। लिखना कविता ही था सादर....

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on May 1, 2022 at 8:16pm

धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी जी पर मैंने तो कविता लिखी है लघुकथा ???

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on May 1, 2022 at 8:15pm

धन्यवाद आदरणीय समर भाई। आशा करती हूँ आप स्वस्थ होंगे!

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on May 1, 2022 at 4:50pm

आ. कल्पना बहन, सादर अभिवादन। सुंदर लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।

Comment by Samar kabeer on May 1, 2022 at 2:46pm

अच्छी कविता लिखी है बहना, इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on April 28, 2022 at 4:06pm

धन्यवाद आदरणीय सुशील सारना जी | आपको प्रस्तुति सुंदर लगी मेरा प्रयास सार्थक हुआ | प्रणाम आदरणीय| 

Comment by Sushil Sarna on April 28, 2022 at 1:33pm
वाह गाँव की पृष्ठभूमि पर बहुत सुंदर प्रस्तुति आदरणीया जी । हार्दिक बधाई

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Ashok Kumar Raktale commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, पहलगाम की जघन्य आतंकी घटना पर आपने अच्छे दोहे रचे हैं. उस पर बहुत…"
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी, महाकुंभ विषयक दोहों की सार्थक प्रस्तुति के लिए हार्दिक धन्यवाद. एक बात…"
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"वाह वाह वाह !  आदरणीय सुरेश कल्याण जी,  स्वामी दयानंद सरस्वती जैसे महान व्यक्तित्व को…"
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"जय हो..  हार्दिक धन्यवाद आदरणीय "
12 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,  जिन परिस्थितियों में पहलगाम में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया गया, वह…"
13 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी left a comment for Shabla Arora
"आपका स्वागत है , आदरणीया Shabla jee"
yesterday
Shabla Arora updated their profile
yesterday
Shabla Arora is now a member of Open Books Online
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"आदरणीय सौरभ जी  आपकी नेक सलाह का शुक्रिया । आपके वक्तव्य से फिर यही निचोड़ निकला कि सरना दोषी ।…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"शुभातिशुभ..  अगले आयोजन की प्रतीक्षा में.. "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"वाह, साधु-साधु ऐसी मुखर परिचर्चा वर्षों बाद किसी आयोजन में संभव हो पायी है, आदरणीय. ऐसी परिचर्चाएँ…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, प्रदत्त विषयानुसार मैंने युद्ध की अपेक्षा शान्ति को वरीयता दी है. युद्ध…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service