For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दीपोत्सव पर्व की हार्दिक शुभकामनाए 

पुष्य नक्षत्र की शुभ बेला में, लक्ष्मी जी ने जन्म लिया,

महक फैलाती आई कमला, गुरु नक्षत्र का चयन किया |

ज्ञान पिपासु की वृद्धि करने, ज्ञानेश्वरी को साथ लिया,             

धन वैभव में बरकत करती, सुख सम्रद्धि का भाव दिया |

 

लक्ष्मी,गणेश खुश हो जाते,जब हो हंसवाहिनी संग,   

दीपोत्सव त्यौहार मनाओ, रंगोली ले आती रंग | 

घर लक्ष्मी की हो प्रसन्नता, लक्ष्मी देवे तब वरदान  

बिन गणपति और ज्ञानेश्वरी,उल्लू छोड़े खूब निशान |

 

घोर अमावस की काली छाया, ज्योति जलने से छट जाए  

प्रेममयी ज्योतिर्मय ज्वाला, घरभर सब रोशन कर जाए |

तुलसी के से श्लोक रचे तो, सबके उर उजियाला छाए 

काव्यलोक से सबके मन में, ज्ञान चेतना घर कर जाए  |             

(मौलिक व् अप्रकाशित)

Views: 745

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 9, 2013 at 12:16pm

आपका हार्दिक आभार एवं शुभकामनाए आदरणीय श्री शुशील जोशी जी 

Comment by Sushil.Joshi on November 9, 2013 at 11:44am

इस ज्योतिर्मयी रचना हेतु हार्दिक बधाई आ0 लक्ष्मण प्रसाद जी.....

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 6, 2013 at 5:15pm

हार्दिक आभार आपका भाई श्री बृजेश नीरज जी 

Comment by बृजेश नीरज on November 6, 2013 at 4:53pm

आपको भी बहुत बहुत शुभकामनायें!

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 5, 2013 at 8:00pm

हार्दिक साधुवाद आदरणीय श्री विजय निकोरे जी, ज्योतिर्मयी किरने आपके जीवन को प्रकाशित करती रहे, यही शुभकामनाए है |

सादर 

Comment by vijay nikore on November 5, 2013 at 7:55pm

//घोर अमावस की काली छाया, ज्योति जलने से छट जाए  

प्रेममयी ज्योतिर्मय ज्वाला, घरभर सब रोशन कर जाए |//

ज्योति-पर्व के अवसर पर रचना में भाव अच्छे लगे।

आपको बधाई और शुभकामनाएँ।

 

सादर,

विजय निकोर

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 5, 2013 at 6:13pm

दीपावली की शुभ कामनाओं सहित आपका हार्दिक आभार श्री जितेन्द्र "गीत" जी 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on November 5, 2013 at 9:39am

आदरणीय लक्ष्मण जी, आपको सुंदर रचना पर बहुत बहुत बधाई व् दीपावली की मंगल शुभकामनायें

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 5, 2013 at 9:31am

हार्दिक आभार आ.कुंती मुकर्जी 

Comment by coontee mukerji on November 4, 2013 at 2:16pm

घोर अमावस की काली छाया, ज्योति जलने से छट जाए  

प्रेममयी ज्योतिर्मय ज्वाला, घरभर सब रोशन कर जाए |

तुलसी के से श्लोक रचे तो, सबके उर उजियाला छाए 

काव्यलोक से सबके मन में, ज्ञान चेतना घर कर जाए .......सब का मन उजाला से भर जाए.

शुभकामनाएँ

कुंती

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"कुंडलिया  उजाला गया फैल है,देश में चहुँ ओर अंधे सभी मिलजुल के,खूब मचाएं शोर खूब मचाएं शोर,…"
8 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर।"
13 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी आपने प्रदत्त विषय पर बहुत बढ़िया गजल कही है। गजल के प्रत्येक शेर पर हार्दिक…"
16 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"गजल**किसी दीप का मन अगर हम गुनेंगेअँधेरों    को   हरने  उजाला …"
20 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई भिथिलेश जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर उत्तम रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
22 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"दीपोत्सव क्या निश्चित है हार सदा निर्बोध तमस की? दीप जलाकर जीत ज्ञान की हो जाएगी? क्या इतने भर से…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"धन्यवाद आदरणीय "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"ओबीओ लाइव महा उत्सव अंक 179 में स्वागत है।"
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"स्वागतम"
yesterday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' left a comment for मिथिलेश वामनकर
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। जन्मदिन की शुभकामनाओं के लिए हार्दिक आभार।"
Friday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन।गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
Friday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service