For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"मास्टरजी तुम्हारा काम बच्चो को पढ़ाना है, इन छोरो के साथ नेतागिरी करना नही।" चौधरी भान सिंह के बेटे की आवाज सुनकर नारेबाजी करते नौजवान कुछ क्षण के लिये शांत हो गये।
गाँव मे नशे के खिलाफ खड़े होने वाले कुछ नौजवानो के साथ आ मिले दो पीढ़ियों से गाँव में मास्टरी कर रहे काशीनाथजी ने उसे किनारे किया और पीछे खड़े भानसिह से मुस्कराकर बोले। "चौधरी साहब। नशाखोरी की लत गाँव के बच्चो को निक्कमा बना रही है, हमारा फर्ज बनता है कि हम इस जंग में इन नौजवानो का साथ दे।"
"मास्टरजी। अपना फर्ज तो तुम कभी का पूरा कर चुके, ये तो इनके संस्कार है जो इन्हे इस गंदगी मे ले जाते है।" चौधरी साहब ने बेटे से मौन सहमति जताते हुये तंज भरे स्वर में कहा। काशीनाथजी बाप और बेटे पर गहरी नजर डालते हुये बोले। "चौधरी साहब। उन बच्चो का तो पता नही, लेकिन मुझे लगता है कि मेरी 'मास्टरी' में और आपके संस्कारो में जरूर कमी रह गयी है।
उनकी आँखे झुक चूकी थी और नौजवानो की नारे बाजी फिर शुरू हो गयी थी।
'विरेन्दर वीर मेहता' (मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 621

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by VIRENDER VEER MEHTA on April 9, 2015 at 8:19am
आदरणीय मिथिलेश वामनकर भाई रचना पर आपकी स्नेह भरे शब्दो के लिये हार्दिक आभार।
Comment by VIRENDER VEER MEHTA on April 9, 2015 at 8:13am
आ० शिज्जु शकूर जी कथा पर आपकी प्रतिक्रिया और हौसला अफजाओ के लिये आपका हार्दिक आभार।
Comment by VIRENDER VEER MEHTA on April 9, 2015 at 8:12am
आ० शिज्जु शकूर जी कथा पर आपकी प्रतिक्रिया और हौसला अफजाओ के लिये आपका हार्दिक आभार।
Comment by VIRENDER VEER MEHTA on April 9, 2015 at 8:09am
आदरणीय श्याम नारायण वर्माजी कथा पर आपकी मौजूदगी और प्रतिक्रिया के लिये दिल से आभार।
Comment by VIRENDER VEER MEHTA on April 9, 2015 at 8:05am
आदरणीय क्रष्ण मिश्राजी, आपको कथा अच्छी लगी। आपका दिल से आभार।
Comment by VIRENDER VEER MEHTA on April 9, 2015 at 8:04am
आदरणीय क्रष्ण मिश्राजी, आपको कथा अच्छी लगी। आपका दिल से आभार।
Comment by VIRENDER VEER MEHTA on April 9, 2015 at 8:00am
आदरणीय डॉ० विजय शंकर जी, रचना पर आपकी प्रतिक्रिया से मेरी कथा सार्थक हुई। दिल से आभार स्वीकार करे।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on April 9, 2015 at 1:58am

आपको सफल लघुकथा पर हार्दिक बधाई 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on April 8, 2015 at 10:24am

बहुत खूब आदरणीय आपने बढ़िया सामयिक विषय को उठाया है

Comment by Dr. Vijai Shanker on April 7, 2015 at 6:43pm
प्रेरक , बधाई, आदरणीय , सादर।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर बेहतरीन छंद हुए है। हार्दिक बधाई।"
7 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई तिलक राज जी, सादर अभिवादन। आपकी उपस्थिति और स्नेह से लेखन को पूर्णता मिली। हार्दिक आभार।"
26 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई सुरेश जी, हार्दिक धन्यवाद।"
28 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई गणेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार।"
29 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय हरिओम श्रीवास्तव जी, आपको मेरा प्रयास पसंद आया जानकर खुशी हुई। हार्दिक आभार आपका। बहुत बहुत…"
30 minutes ago
Hariom Shrivastava replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय वामनकर सर,आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया से सर्जन सार्थक हुआ। हार्दिक आभार।🙏"
31 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय गणेश बागी जी, प्रोत्साहन के लिए हार्दिक आभार। जो बात आदरणीय तिलकराज कपूर जी ने कही है उस पर…"
36 minutes ago
Hariom Shrivastava replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"वाह,वाह,पर्यावरण पर बेहतरीन ग़ज़ल। बधाई हो आद. धामी जी।"
39 minutes ago
Hariom Shrivastava replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"पर्यावरण की चिंता में कही गयी लाजवाब ग़ज़ल आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी। हार्दिक बधाई।"
41 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय तिलकराज कपूर जी, आपने जो बात कही उस पर ध्यान दूंगा। सुझाव के लिए हार्दिक आभार।"
42 minutes ago
Hariom Shrivastava replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर सर मेरी प्रस्तुति को मान देकर उत्साहवर्धन हेतु आपका दिल से आभार। 🙏"
44 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय डॉ. प्राची सिंह जी, आपकी टिप्पणी से प्रोत्साहन मिला। प्रोत्साहन के लिए हार्दिक आभार।"
45 minutes ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service