ज़िन्दगी तुझे जी लूंगी मैं...
नाकामियों से ऊपर उठते हुए,
समय के आगे न झुकते हुए,
मुश्किलों से हंस कर मिलूंगी मैं!
ज़िन्दगी तुझे जी लूंगी मैं...
रुठेंगी कब तक मंजिलें मुझसे,
मायूस होगी कब तक महफ़िलें मुझसे,
तूफ़ान भी अब डिगा न सकेंगे,
लहरों के वेग से अब न डरूँगी मैं!
ज़िन्दगी तुझे जी लूंगी मैं...
भिगोया हैं बहुत आँचल को अपने,
अरसा गुज़र गया मुस्कुराहटो की तलाश में,
अब भीगी पलकों पर सपनो को जगाना है,
आसमान को क़दमों में झुकाकर रहूंगी मैं!
ज़िन्दगी तुझे जी लूंगी मैं...
सुन ले ज़माना, समझ भी लें जरा,
राहों से मेरी हट लें अब ज़रा,
चुप्पी को न मेरी हार समझना,
सहमी सी हर पल अब न रहूंगी मैं,
मुस्कुरा कर, आगे बढकर, ज़िन्दगी तेरे गले लगूंगी मैं!
ज़िन्दगी तुझे जी लूंगी मैं...Comment
भिगोया हैं बहुत आँचल को अपने,
अरसा गुज़र गया मुस्कुराहटो की तलाश में,
अब भीगी पलकों पर सपनो को जगाना है,
आसमान को क़दमों में झुकाकर रहूंगी मैं!
ज़िन्दगी तुझे जी लूंगी मैं...
इस सद्प्रयास पर मेरी शुभकामनाएँ.
नाकामियों से ऊपर उठते हुए,
समय के आगे न झुकते हुए,
मुश्किलों से हंस कर मिलूंगी मैं!
ज़िन्दगी तुझे जी लूंगी मैं...
vah kya bat hain lajabab
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