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जीवन में जिन्दगी का माँ एहसास हो तुम .........

तपती धुप धूप में
छाँव हो तुम
मेरे लिए
बहुत खास हो तुम
तुम्हारे एहसास भर से
दूर हो जाती है हैं मेरी
परेशानियाँ सारी
जीवन में जिन्दगी का
माँ एहसास हो तुम .........
दर्द में सुकून बन जाती हो
भूख न हो मुझे तब भी
खाना खिलाती हो .....
मैं बताऊ बताऊँबताउं बताऊँ तुम्हे परेशानी अपनी
बिन बताये ही माँ तुम मेरी
हर बात समझ जाती हो ...

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Comment

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Comment by Sonam Saini on May 8, 2013 at 10:51am

आदरणीय अशोक जी नमस्कार , बहुत बहुत धन्यवाद सर जी ...

Comment by Sonam Saini on May 8, 2013 at 10:50am

जिनके पास इतनी प्यारी माँ हो वो बच्चे भी तो खुशकिस्मत होते हैं मैम .....शुक्रिया

Comment by Sonam Saini on May 8, 2013 at 10:48am

बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय केवल जी ....आभार प्रतिक्रिया हेतु

Comment by Sonam Saini on May 8, 2013 at 10:47am


धन्यवाद उषा जी .......आभार

Comment by Sonam Saini on May 8, 2013 at 10:47am

जी मैं ध्यान रखूंगी कुन्ती जी .......शुक्रिया मार्गदर्शन करने के लिए

Comment by Ashok Kumar Raktale on May 8, 2013 at 8:06am

सुन्दर रचना आदरणीय सोनम जी, सचमुच माँ ऐसी ही होती है. बहुत बहुत बधाई स्वीकारें.

Comment by Sarita Sinha on May 7, 2013 at 11:05pm

माँ के लिए बहुत प्यारी अभिव्यक्ति......बधाई...आपकी माँ
खुशकिस्मत हैं...

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on May 7, 2013 at 8:27pm

आ0 सोनम जी,   अतिसुन्दर भाव !  मां को श्रध्दा सुमन सहित-  बधाई स्वीकारें।  सादर,

Comment by Usha Taneja on May 7, 2013 at 6:31pm

प्रिय  Sonam Saini जी, माँ के प्रति सम्मान की बढ़िया भावना है. 

Comment by coontee mukerji on May 7, 2013 at 5:40pm

भाव अच्छा है , मगर अभिव्यक्ति की  कमी है , इसे और प्रभावशाली रूप दे सकती  है ......फिर  भी प्रयास सराहनीय है . /सादर / कुंती .

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