For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दोहे // प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा //

दोहे // प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा //
-------------------------------------
माँ वंदन नित है सदा, किरपा दया निधान
अज्ञानी मै बहुत बड़ा, दे दो मुझको ज्ञान
------------------------------------------
क्षीर सागर शयन किये, लक्ष्मी पति हरिनाथ
सुरमुनि यशोगान करें, जोड़े दोनों हाथ
--------------------------------------------
नवरात्री की अष्टमी , देवी पूजो आय
चरण शरण जगदम्बिका, घर घर बजे बधाय
---------------------------------------------
आशीष आपको सदा, मंगल हो सब काज
माँ भगवती रक्षा करे , निर्भय करिये राज
-------------------------------------------
राधिका संग गोपियाँ, पहुँची जमुना तीर
किशना फोडत मटकियाँ , ग्वाला खावत खीर
-----------------------------------------
मौलिक / अप्रकाशित
प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा
१-८-२०१४

Views: 888

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by रमेश कुमार चौहान on August 3, 2014 at 8:19pm

इस प्रयास के लिये हार्दिक बधाई

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on August 3, 2014 at 8:07pm

राधिका संग गोपियाँ, पहुँची जमुना तीर 
किशना फोडत मटकियाँ , ग्वाला खावत खीर 

मुंह में पानी आ गया, मिलती थोड़ी खीर!

Comment by Meena Pathak on August 2, 2014 at 3:27pm

बहुत सुन्दर दोहे ..सादर बधाई 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on August 2, 2014 at 1:22pm

स्नेही केवल प्रसाद जी 

सादर 

स्नेह हेतु आभार . मार्ग दर्शन  अपेक्षित 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on August 2, 2014 at 1:21pm

आदरणीय भंडारी सर जी 

सादर 

स्नेह हेतु आभार . मार्ग दर्शन सादे अपेक्षित 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on August 2, 2014 at 10:21am

आदरणीय प्रदीप कुशवाहा भाई , सुन्दर दोहों के लिए बधाइयाँ | आदरणीया प्राची जी की बातों का ख़याल कीजिएगा |

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on August 1, 2014 at 8:46pm

आ0 कुशवाहा सर जी,   प्रणाम! भावपूर्ण सुन्दर दोहे।  बहुत-बहुत बधाई। सादर,  शुभ-शुभ

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on August 1, 2014 at 7:05pm

आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव  जी 

सादर 

स्नेह हेतु आभार 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on August 1, 2014 at 7:04pm

आदरणीया प्राची जी 

सादर 

आप जानती हैं किन परिस्थितियों में हूँ. जो सीख रहा हूँ आप सब के सानिध्य में हीसीख रहा हूँ. आप जो कह रही हैं सत्य है. मात्रा  की गलती इस रचना में नही जान पाया. प्रयास रत रहूँगा . धीरे धीरे सारी विधा भी जरुर आयेगी. आप सब बेधडक अपने अमूल्य समय में मुझे भी दीजियेगा 

स्नेह हेतु आभार 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on August 1, 2014 at 6:59pm

आदरणीय लड़ी वाला जी 

सादर 

स्नेह हेतु आभार 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Aazi Tamaam commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post शेष रखने कुटी हम तुले रात भर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"बहुत खूबसूरत ग़ज़ल हुई आदरणीय बधाई हो"
2 hours ago
Aazi Tamaam commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"अच्छी रचना हुई आदरणीय बधाई हो"
2 hours ago
Aazi Tamaam commented on surender insan's blog post जो समझता रहा कि है रब वो।
"अच्छी ग़ज़ल हुई आदरणीय बधाई हो 3 बोझ भारी तले को सुधार की आवश्यकता है"
2 hours ago
Aazi Tamaam commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"खूबसूरत ग़ज़ल हुई आदरणीय इस बह्र पर हार्दिक बधाई"
2 hours ago
Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय सुरेंद्र इंसान जी इस ज़र्रा नवाज़ी का"
2 hours ago
Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"बहुत शुक्रिया आदरणीय भंडारी जी इस ज़र्रा नवाज़ी का"
2 hours ago
surender insan commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"आदरणीय सुरेश भाई जी  छन्न पकैया (सारछंद) में आपने शानदार और सार्थक रचना की है। बहुत बहुत बधाई…"
3 hours ago
surender insan commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"आदरणीय आज़ी भाई आदाब। बहुत बढ़िया ग़ज़ल के लिए बधाई स्वीकार करे जी।"
4 hours ago
surender insan commented on surender insan's blog post जो समझता रहा कि है रब वो।
"आदरणीय सौरभ जी सादर नमस्कार जी। ग़ज़ल पर आने के लिए और अपना कीमती वक़्त देने के लिए आपका बहुत बहुत…"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"आदरणीय सुरेश भाई ,सुन्दर  , सार्थक  देश भक्ति  से पूर्ण सार छंद के लिए हार्दिक…"
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . विविध
"आदरणीय सुशिल भाई , अच्छी दोहा वली की रचना की है , हार्दिक बधाई "
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"आदरनीय आजी भाई , अच्छी ग़ज़ल कही है हार्दिक बधाई ग़ज़ल के लिए "
8 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service