For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गीत (कल्पना मिश्रा बाजपेई)

बंसी का बजाना खेल भी है

गिरिवर का उठाना खेल नहीं

भक्तों के भारी संकट में

दुख दर्द मिटाना खेल नहीं है !!

 

एक विप्र सुदामा आया था

वो भेंट में तंदुल लाया था

पल भर में ही दीन दुखी को

धनवान बनाना खेल नहीं !!

 

कौरव दल द्रुपद दुलारी की

सुन कर पुकार दुखियारी की

दो गज की सारी में देखो

अंबार लगाना खेल नहीं !!

 

था कंस बड़ा अत्याचारी

देता था सबको दुख भारी

उसको जा मारा मथुरा में

दुष्टों को घटाना खेल नहीं !!

 

बंसी का बजाना खेल भी है

गिरिवर का उठाना खेल नहीं

 

कल्पना मिश्रा बाजपेई

(मौलिक व अप्रकाशित)  

 

 

 

Views: 3763

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by kalpna mishra bajpai on August 22, 2014 at 10:45pm

शुक्रिया आ0 सौरभ सर /सादर 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on August 22, 2014 at 12:24am

आपका प्रयास और आपकी रचना प्रभावी है.

शुभ-शुभ

Comment by kalpna mishra bajpai on August 20, 2014 at 10:32pm

आ०  savitamishra जी आप का बहुत शुक्रिया /सादर 

Comment by kalpna mishra bajpai on August 20, 2014 at 10:31pm

आ०Santlal Karun जी आप का बहुत शुक्रिया /सादर  

Comment by kalpna mishra bajpai on August 20, 2014 at 10:30pm

आ० rajesh kumariदी आप का बहुत शुक्रिया /साभार 

Comment by kalpna mishra bajpai on August 20, 2014 at 10:30pm

आ० वेदिका  जी बहुत शुक्रिया /सादर  

Comment by kalpna mishra bajpai on August 20, 2014 at 10:29pm

आ० गिरिराज भंडारी जी आप का बहुत शुक्रिया /सादर 

Comment by kalpna mishra bajpai on August 20, 2014 at 10:28pm

आ० जितेन्द्र 'गीत'भाई आप का हार्दिक शुक्रिया /साभार 

Comment by kalpna mishra bajpai on August 20, 2014 at 10:27pm

आ० JAWAHAR LAL SINGH जी आप का हार्दिक आभार /सादर 

Comment by savitamishra on August 20, 2014 at 7:42pm

भक्तिभाव से ओतप्रोत ,.....बहुत सुन्दर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"शेर क्रमांक 2 में 'जो बह्र ए ग़म में छोड़ गया' और 'याद आ गया' को स्वतंत्र…"
yesterday
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"मुशायरा समाप्त होने को है। मुशायरे में भाग लेने वाले सभी सदस्यों के प्रति हार्दिक आभार। आपकी…"
yesterday
Tilak Raj Kapoor updated their profile
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई जयहिन्द जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है और गुणीजनो के सुझाव से यह निखर गयी है। हार्दिक…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई विकास जी बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, अभिवादन। अच्छी गजल हुई है।गुणीजनो के सुझाव से यह और निखर गयी है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। मार्गदर्शन के लिए आभार।"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय महेन्द्र कुमार जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। समाँ वास्तव में काफिया में उचित नही…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, हार्दिक धन्यवाद।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई तिलक राज जी सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, स्नेह और विस्तृत टिप्पणी से मार्गदर्शन के लिए…"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय तिलकराज कपूर जी, पोस्ट पर आने और सुझाव के लिए बहुत बहुत आभर।"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service