For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बदलाव....कहाँ से (लघु कथा)

बदलाव....कहाँ से ! (लघु कथा)

"गाड़ी एक घंटा लेट है।" आदित्य ने घड़ी देखते हुए कहा।
"अच्छा ही हुआ लेट है...वरना मिलती भी नहीं।" अंजनी के चेहरे पर थकान दिखाई दे रही थी।
तभी वहाँ दो बालक आए....मैले कुचेले कपड़े. ..अस्त व्यस्त बाल बड़े की उम्र 7-8 साल के लगभग होगी छोटा बहुत छोटा ओर मासूम दिख रहा था।
"बाबूजी पॉलिश कर दूँ ?"बड़े ने पास आकर पुछा।
आदित्य ने जूते उतारते हुए कहा....कर दे...जल्दी करना ट्रेन आने वाली है।
"अभी करता हूँ साब।" उसने तपाक से अपने मटमैले झोले में से पोलिश की डिब्बी, ब्रश, ओर एक कपड़ा निकला ओर जूते साफ करने लगा।
उसकी नन्हीं हथेलियों से जूते बड़े थे। एक हाथ से जूते को अपनी छाती का सहारा देकर दूसरे हाथ से वह जूते पर ब्रश घिसने लगा। अंजनी को लगा वह जूता पकड़ने में उसकी मदद कर दे।
तभी उसने अपने साथी से,जो शायद उसका भाई था कहा...
"तू क्यों फोकट खड़ा है?...उन साब के जूतों पर पॉलिश कर दे।"
मैं नहीं करता तू ही कर ।"छोटा मुँह बनाकर बोला।
"अरे कर ले बेटा नहीं तो बहुत पछताएगा।"
"क्या पछताऊंगा? " छोटे ने आँखे बड़ी की।
पॉलिश करते करते उसने अपना सिर ऊपर उठाया अपने साथी की ओर देखते हुए जोर से बोला....
"क्या पछताएगा?" . ...बाप स्कूल में डाल देगा तो पढ़ पढ़कर मर जायेगा...
फिर किसी काम का नहीं रह जायेगा....इससे अच्छा है बेटा काम सीख ले...पैसा भी कमाएगा मजे भी करेगा।"
आदित्य और अंजनी ने हतप्रभ एक दूसरे की ओर देखा। अंजनी को लगा हवा चलना एकाएक बंद हो गया है उसका दम घुटने लगा।
तभी ट्रेन की आवाज से तन्द्र भंग हुई। बच्चे के हाथ पर पैसे रखकर दोनों तेजी से ट्रेन की ओर बढ़ गये।
सीमा हरि शर्मा 13.10.2014
(मौलिक एवं अप्रकाशित)

Views: 838

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by seemahari sharma on October 14, 2014 at 11:09am
ह्रदय से आभार rajesh kumari जी आपकी उत्साहवर्धन करती प्रतिक्रिया से अत्यधिक प्रोत्साहन मिला है। सदैव स्नेह बनाये रखें।
Comment by seemahari sharma on October 14, 2014 at 11:05am
बहुत बहुत आभार आदरणीय Khursheed Khairadi जी आपकी प्रतिक्रिया से लेखन को प्रोत्साहन मिला है। सादर

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on October 14, 2014 at 10:48am

तस्वीर के दूसरे पहलु को उजागर करती हुई लघु कथा... बेरोजगारी की परतें खोलती पढ़े लिखे बेरोजगारों को देखकर नयी  पौध क्या सीखेगी ...जबरदस्त कटाक्ष करती हुई रचना बहुत-बहुत बधाई प्रिय सीमा जी. 

Comment by khursheed khairadi on October 13, 2014 at 10:16pm

आदरणीया सीमा जी मर्मस्पर्शी प्रसंग है |सर्वशिक्षा अभियान के तमाम कागजी दावों का पोल खोलती रचना है|इस वास्तविक चित्र के लिए आपको बधाई और कोटि अभिनन्दन |सादर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-115
"चल मुसाफ़िर तोहफ़ों की ओर (लघुकथा) : इंसानों की आधुनिक दुनिया से डरी हुई प्रकृति की दुनिया के शासक…"
9 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-115
"सादर नमस्कार। विषयांतर्गत बहुत बढ़िया सकारात्मक विचारोत्तेजक और प्रेरक रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
10 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-115
"आदाब। बेहतरीन सकारात्मक संदेश वाहक लघु लघुकथा से आयोजन का शुभारंभ करने हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय मनन…"
11 hours ago
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-115
"रोशनी की दस्तक - लघुकथा - "अम्मा, देखो दरवाजे पर कोई नेताजी आपको आवाज लगा रहे…"
21 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-115
"अंतिम दीया रात गए अँधेरे ने टिमटिमाते दीये से कहा,'अब तो मान जा।आ मेरे आगोश…"
23 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-115
"स्वागतम"
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey posted a blog post

दीप को मौन बलना है हर हाल में // --सौरभ

212 212 212 212  इस तमस में सँभलना है हर हाल में  दीप के भाव जलना है हर हाल में   हर अँधेरा निपट…See More
Tuesday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"//आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी जी, जितना ज़ोर आप इस बेकार की बहस और कुतर्क करने…"
Saturday
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"आदरणीय लक्ष्मण जी बहुत धन्यवाद"
Saturday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी जी, जितना ज़ोर आप इस बेकार की बहस और कुतर्क करने…"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"आ. रचना बहन, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"आ. भाई संजय जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service