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साँवली लड़की ( लघुकथा )

" राहुल अभी आकर सोफे पर बैठा ही था कि उसके पापा भीतर से बाहर आये I 

" बड़ी देर कर दी बेटा आने में आज !! सब ठीक है न !! "
" पापा आप चाहते थे न कि मैं शादी कर लूँ , मैं इस लड़की से शादी करना चाहता हूँ " उसने अपने मोबाइल में उसका फोटो दिखाते हुए कहा I
" ये साँवली सी साधारण लड़की !! कहाँ तुम , कहाँ ये !! कहाँ मिली तुम्हे ये ? और ये इसके साथ कौन है ? " एक साथ ढेरो सवाल पूछ लिए उसके पिता ने I
" पापा ,इसका साँवला और साधारणपन भले ही दुनियावी खूबसूरती के मापदंड पर खरा न उतरे ,पर मन के सौंदर्य में इसका सानी नही !! और ये इसके साथ एक अनाथाश्रम के कोई बुजुर्ग हैं , पापा जिस उम्र में अन्य लड़कियाँ फैशन की दुकान बन पैसो को उडाने को तवज्जों देती हैं , व्ही ये अपनी पाकेट मनी ऐसे बुजुर्गों और बच्चों के जन्मदिन पर उन्हें तोहफे देने में खर्च करती हैं , पापा जो लड़की दूसरों के बारे में इतना सोचती हैं वो अपने परिवार का कितना ख्याल रखेगी !! "
" लेकिन उसकी जात विरादरी ? "
" पापा , इंसानियत से बड़ी कोई जाति नही !! "

मीना पाण्डेय
बिहार
मौलिक व् अप्रकाशित

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Comment

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Comment by meena pandey on May 4, 2015 at 3:19pm

आभार आ  जितेन्द्र पस्टारिया  जी 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on May 4, 2015 at 11:22am

बहुत बढ़िया लघुकथा, साझा की आपने. आदरणीया मीना जी. कथा से बहुत सुंदर सन्देश मिलता है, बधाई प्रस्तुति पर आपको

Comment by meena pandey on May 3, 2015 at 11:25pm

आभार आ मिथिलेश वामनकर  जी   

Comment by meena pandey on May 3, 2015 at 11:24pm

आभार आ Rajesh kumari  जी   

Comment by meena pandey on May 3, 2015 at 11:22pm

आभार आ Kewal  prasad  जी   

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on May 3, 2015 at 9:06pm

आदरणीया मीना जी,  गम्भीर विषय पर सार्थक सोच..के लिये बधाई स्वीकारे.  हाँ ...अंतिम पंक्ति की कोई उपयोगिता नही  रह गयी.  सादर


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on May 3, 2015 at 9:46am

अच्छा सन्देश देती लघु कथा ,बहुत बहुत बधाई 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on May 2, 2015 at 9:58pm

सुन्दर सन्देश देती लघुकथा 

इतने अच्छे कथानक की प्रस्तुति हेतु आभार 

पंच लाइन का कथन थोड़ा दमदार हो सकता है 

सादर 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on May 2, 2015 at 9:57pm

सुन्दर सन्देश देती लघुकथा 

इतने अच्छे कथानक की प्रस्तुति हेतु आभार 

पंच लाइन का कथन थोड़ा दमदार हो सकता है 

सादर 

Comment by meena pandey on May 2, 2015 at 6:16pm

आभार आ महिमा श्री जी 

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