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सौंदर्य प्रतिभा ज्ञान---डॉo विजय शंकर

सौंदर्य को सजावट ,
आभूषण ,शृंगार चाहिए ,
सादगी को…...क्या चाहिए ,
सादगी,.. वो तो, सबको चाहिए।
वो रोज सज के निकलती
लोग परेशान हो जाते थे ,
इक बार सादगी से निकली
कितने लोग बेहोश हो गए।

पहुँच से पहचान है ,
जिसकी पहचान है
वही प्रतिभावान है , अन्यथा
प्रतिभा को पहचान चाहिए ,
पहचान का एहसान चाहिए ।

ज्ञान को सम्मान चाहिए ,
जहां सब ज्ञानी हो ……… ,
जाने दीजिये, ज्ञान तो स्वयं दाता है |
तो इतना सज संवर के क्यों आता है ,
सादगी का मतलब, उसे नहीं आता है ,
फूल गुलदस्ते माला फोटो चरण वन्दना ,
दमक चमक ओज , जय जय जयकार ,
बोलता ऐसे है जैसे शहद बाँटता है ,
क्या अर्थ है , वो स्वयं नहीं जानता है ,
हाव्-भाव शृंगार से खुद को जमाता है ,
पर स्वयं पर विश्वास नहीं कर पाता है ,
किसी का विश्वास जीत नहीं पाता है ,
फिर भी अपनी सफलता के गीत गाता है ,
इतना ज्ञान चमक-दमक रहा है , फिर भी ,
किसी समस्या का हल मिल नहीं रहा है ,
ज्ञान शृङ्गार , गीत,
संगीत बन के सीमित हो रहा है ,
जानकारी बन के रह गया ,
नारे बन कर बँट रहा है ,
जब तक मंजीरे बजाने वाले रहते हैं ,
अपने को खूब जमा ले जाता है ,
फिर समय में विलीन हो जाता है।
न समस्या को समझ पाता है ,
न समाधान बन पाता है।

मौलिक एवं अप्रकाशित
डॉo विजय शंकर

Views: 658

Comment

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Comment by Dr. Vijai Shanker on May 4, 2015 at 7:23pm
सादगी आपको भी पसंद आई , आदरणीय मोहन सेठी जी, सादगी होती ही ऐसी चीज़ है, प्रतिक्रिया के लिए आभार , बाकी बहुत बहुत धन्यवाद, सादर।
Comment by Samar kabeer on May 4, 2015 at 2:30pm
आली जनाब डा.विजय शंकर जी,आदाब,सौंन्दर्य और सादगी का अच्छा मवाज़ना किया है आपने,पंक्ति दर पंक्ति दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल फ़रमाऐं |
Comment by Shyam Narain Verma on May 4, 2015 at 12:23pm

बहुत  ही सुन्दर भावात्मक प्रस्तुति .. बधाई 

सादर

Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on May 4, 2015 at 10:07am

वाह सादगी का वर्णन बहुत खूब रहा ......सादर 

वो रोज सज के निकलती लोग परेशान हो जाते थे ,
इक बार सादगी से निकली कितने लोग बेहोश हो गए।

Comment by Dr. Vijai Shanker on May 4, 2015 at 9:20am
आदरणीय केवल प्रसाद जी , प्रस्तुत रचना की प्रशस्ति के लिए आभार एवं बधाई के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, सादर।
Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on May 3, 2015 at 9:22pm

आ0 विजय भाई जी,  सुंदर भाव पूरित कविता के लिये बधाई स्वीकारे. सादर

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