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अधूरी कहानी ...(अगज़ल) ...इंतज़ार

पल्लू लहरा देते हैं वो हवा का रूख़ देख कर
बीमार हो जाते हैं हम भी हसीं दवा देख कर ! 

यूँ तो हम तुम्हारे सिवा किसी और पे मरते नहीं
महफ़िल हसीनाओं की हो तो शिरकत से डरते नहीं ! 

तूने अगर दिल में अपने मुझे घर दिया होता
तन्हाईओं की बारिशों से मैं ना गल गया होता ! 

सुना है मिजाज़ गर्म और नज़र तिरछी है उनकी
'इंतज़ार' हम कहाँ मरते हैं हसीं बद दुआओं से उनकी ! 

तुम बिन ख़त्म हो जायेगी तिलस्मी दुनियाँ मेरी
अधभरे पन्नों में खो जायेगी ये अधूरी कहानी मेरी ! 

************************************************

मौलिक व अप्रकाशित

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Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on June 4, 2015 at 2:52pm

आदरणीय Samar kabeer जी शुक्रिया ...आप सही कह रहे हैं ...गिनती तो सीख सकता हूँ मगर बिना उर्दू के ग़ज़ल गजल ही रह जायेगी ...फिर भी कोशिश करूँगा वक़्त के साथ ....सादर 

Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on June 4, 2015 at 2:49pm

आदरणीय krishna mishra 'jaan'gorakhpuri जी हार्दिक आभार ...सादर 

Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on June 4, 2015 at 2:49pm

आदरणीया rajesh kumari जी तहे दिल से शुक्रिया ...सादर 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 4, 2015 at 11:56am

अच्छी प्रस्तुति है बधाई आपको आ० मोहन जी .


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 4, 2015 at 11:55am

अच्छी प्रस्तुति है बधाई आपको आ० मोहन जी .


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 4, 2015 at 11:55am

अच्छी प्रस्तुति है बधाई आपको आ० मोहन जी .

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on June 3, 2015 at 10:37pm

सुना है मिजाज़ गर्म और नज़र तिरछी है उनकी
'इंतज़ार' हम कहाँ मरते हैं हसीं बद दुआओं से उनकी !

क्या बात है आदरणीय!हार्दिक बधाई! सादर!

Comment by Samar kabeer on June 3, 2015 at 3:11pm
जनाब मोहन सेठी 'इंतज़ार' जी,आदाब,सुन्दर प्रस्तुति हेतु बधाई स्वीकार करें ,ओबीओ पर ग़ज़ल की कक्षा भी उपलब्ध है ,उसका लाभ उठाऐं ।
Comment by Dr. Vijai Shanker on June 3, 2015 at 12:39pm

मन-भावक।  बधाई, सादर। "

Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on June 3, 2015 at 10:31am

आदरणीय Dr. Vijai Shanker जी आप की टिप्पणी मेरे पेज पर है मगर यहाँ नहीं किसी तकनीकी समस्या की वजह से ....आप का बहुत बहुत धन्यवाद ...सादर 

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