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लड़कियां और उड़हूल के फूल : नीरज कुमार नीर

लड़कियाँ होती अगर
उड़हूल के फूलों की तरह
और तोड़ ली जाती
बिन खिले
अधखिले
खिल जाती फिर भी
समय के साथ
पर लड़कियाँ तो होती हैं
गुलाब की तरह


नीरज कुमार नीर /
मौलिक एवं अप्रकाशित

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Comment

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Comment by Neeraj Neer on August 2, 2015 at 7:39pm

आपका हार्दिक आभार आदरणीय  डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव साहब ..... 

Comment by Neeraj Neer on August 2, 2015 at 7:39pm

उड़हूल के फूलों की विशेषता होती है कि उन्हे उनके नियत खिलने के समय से पूर्व भी अगर तोड़ लिया जाए तो भी वे अपने नियत प्राकृतिक समय पर पूर्णतः खिल ही जाती हैं.....  

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on August 2, 2015 at 3:39pm

बहूत बढ़िया . अंतर  पाठको पर छोड़ दिया समझने के लिए .

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