2122 1122 1122 22 /112
.
तुम जो चाहो तो ये गिर्दाब, किनारा लिख दो
डूब भी जाये कोई , पार उतारा लिख दो
कैसे उस चाँद को धरती पे उतारा लिख दो
कैसे आँगन में हुआ खूब नज़ारा लिख दो
खटखटाने से कोई दर न खुले, तो दर पर
बारहा मैने तेरा नाम पुकारा लिख दो
जंग अपनो से भला कैसे कोई कर लेता
ख़ुद को जीता, तो कहीं मुझको ही हारा लिख दो
हो यक़ीं या कि न हो तुम तो लिखो सच अपना
दश्ते तारीक में जुगनू था सहारा लिख दो
कौन आयेगा यहाँ अश्क़ तुम्हारा पढ़ने
हँसते गाते हुये ही वक़्त गुज़ारा लिख दो
रेत पर बे वफा लिक्खो नहीं, मिट जायेगा
संग ए दिल में ही कहीं और दुबारा लिख दो
फिर न कहना कि बहुत तल्ख़ लगीं थीं बातें
मेरी फित्रत में तुम्हें क्या है गवारा लिख दो
कोई बदलेगा नहीं छोड़ो अदालत तुम भी
या तो मुंसिफ ने है कितनों को सुधारा लिख दो
यार तुम भी तो पढ़ो मेरी ग़ज़ल के मिसरे
कौन कहता है इसे पाँच सितारा लिख दो
**************************************
मौलिक एवँ अप्रकाशित
Comment
आदरनीय बड़े भाई अखिलेश जी , हौसला अफ्ज़ाई के लिये आपका तहे दिल से शुक्रिया ।
प्रिय गिरिराज
बड़ी खूबसूरत है गजल, पाँच सितारा लिख दो।
अपने अनुभव ज्ञान को, कागज पे उतारा लिख दो॥
कई बार पढ़ गया , हर शेर लाजवाब , हृदय से बधाई
आदरणीया राजेश जी , हौसला अफज़ाई का तहे दिल से शुक्रिया आपका । अश्क तुम्हारे सही है , मै सुधार लूँगा , आपका आभार ।
आदरणीय योगराज भाई , मै सोच के रह गया , कठिन शब्दों का अर्थ दे नही पाया था । आपने दे दिया , आपका हृदय से आभार ।
आदरणीय महर्षि भाई , गज़ल की सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार ।
आदरणीय ओगराज भाई जी ने कठिन शब्दों का अर्थ बता दिया है , देख लीजियेगा ।
रेत पर बे वफा लिक्खो नहीं, मिट जायेगा
संग ए दिल में ही कहीं और दुबारा लिख दो
फिर न कहना कि बहुत तल्ख़ लगीं थीं बातें
मेरी फित्रत में तुम्हें क्या है गवारा लिख दो
कमाल के शेर हुए आ० गिरिराज जी भोपाल में सुनने का मजा लिया था आज पढने का मजा लिया बहुत ही शानदार ग़ज़ल लिखी है दिल से ढेरों बधाई आपको |
कौन आयेगा यहाँ अश्क़ तुम्हारा पढ़ने---तुम्हारे पढने
बारहा = बार बार / अनेक बार
आदरणीय सुशील सरना भाई , हौसला अफज़ाई का तहे दिल से शुक्रिया आपका ।
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online