For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बाक़ी थोड़ा बचपन है,
ये उसका भोलापन है ।
रूठे-रूठे चहरें हैं,
अब घर-घर सूनापन है ।
जतलाता है हरदम वो,
ये उसका ओछापन है ।
हाँ, उसकी रचनाओं में,
रहता कुछ तो चिंतन है ।
उनसे रिश्ता है लेकिन ,
रहती थोड़ी अनबन है ।
मौलिक एवं अप्रकाशित ।

Views: 850

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Mohammed Arif on July 29, 2017 at 8:10pm
बहुत-बहुत शुक्रिया आली जनाब मोहतरम खुर्शीद खेराड़ी जी ।
Comment by khursheed khairadi on July 29, 2017 at 9:11am
मोहतरम ज़नाब आरिफ़ साहब, बेहद उम्दा ग़ज़ल हुई है। तहेदिल से दाद क़बूल फर्मावें।
Comment by Mohammed Arif on July 27, 2017 at 7:46am
आली जनिब मोहतरम समर कबीर साहब ग़ज़ल पर अपनी प्रतिक्रिया देकर मान बढ़ाने और सुख़न नवाज़ी का बहुत-बहुत आभार ।
Comment by Samar kabeer on July 25, 2017 at 6:42pm
जनाब मिहम्मद आरिफ़ साहिब आदाब,अच्छी ग़ज़ल हुई है,दाद के साथ मुबारकबाद पेश है ।
Comment by Mohammed Arif on July 25, 2017 at 5:28pm
आदरणीय आशुतोष जी बहुत दिनों के बाद आपका मेरी रचना पर आना हुआ । ग़ज़ल पर शिरकत का बहुत-बहुत शुक्रिया ।
Comment by Mohammed Arif on July 25, 2017 at 5:26pm
आदरणीय नरेंद्र सिंह जी ग़ज़ल पर शिरकत का बहुत-बहुत आभार ।
Comment by Mohammed Arif on July 25, 2017 at 5:25pm
आदरणीय नीरज कुमारजी ग़ज़ल में का बहुत-बहुत शुक्रिया ।
Comment by Niraj Kumar on July 25, 2017 at 5:03pm
आदरणीय मोहम्‍म्‍द आरिफ साहब बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है. ये शेर बहुत अच्छा लगा :
जतलाता है हरदम वो,
ये उसका ओछापन है ।
सादर
Comment by narendrasinh chauhan on July 25, 2017 at 4:58pm
बहुत ही उम्दा ग़ज़ल,दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएँ
Comment by Dr Ashutosh Mishra on July 25, 2017 at 4:42pm

आदरणीय आरिफ जी अच्छी ग़ज़ल है इस रचना के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं सादर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

धर्मेन्द्र कुमार सिंह posted a blog post

जो कहता है मज़ा है मुफ़्लिसी में (ग़ज़ल)

1222 1222 122-------------------------------जो कहता है मज़ा है मुफ़्लिसी मेंवो फ़्यूचर खोजता है लॉटरी…See More
yesterday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सच-झूठ

दोहे सप्तक . . . . . सच-झूठअभिव्यक्ति सच की लगे, जैसे नंगा तार ।सफल वही जो झूठ का, करता है व्यापार…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

बालगीत : मिथिलेश वामनकर

बुआ का रिबनबुआ बांधे रिबन गुलाबीलगता वही अकल की चाबीरिबन बुआ ने बांधी कालीकरती बालों की रखवालीरिबन…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक ..रिश्ते
"आदरणीय सुशील सरना जी, बहुत बढ़िया दोहावली। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर रिश्तों के प्रसून…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"  आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, प्रस्तुति की सराहना के लिए आपका हृदय से आभार. यहाँ नियमित उत्सव…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, व्यंजनाएँ अक्सर काम कर जाती हैं. आपकी सराहना से प्रस्तुति सार्थक…"
Sunday
Hariom Shrivastava replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आपकी सूक्ष्म व विशद समीक्षा से प्रयास सार्थक हुआ आदरणीय सौरभ सर जी। मेरी प्रस्तुति को आपने जो मान…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आपकी सम्मति, सहमति का हार्दिक आभार, आदरणीय मिथिलेश भाई... "
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"अनुमोदन हेतु हार्दिक आभार सर।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन।दोहों पर उपस्थिति, स्नेह और मार्गदर्शन के लिए बहुत बहुत आभार।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ सर, आपकी टिप्पणियां हम अन्य अभ्यासियों के लिए भी लाभकारी सिद्ध होती रही है। इस…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार सर।"
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service