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चंद्रयान- 2 का सफर

संपर्क टूटा विक्रम से तो

ना समझ ये विफल रहा

आर्बिटर अभी चक्कर लगा रहा

धैर्य रख, थोड़ा इंतज़ार तो कर

चिंता नहीं बस चिंतन कर ||

 

मार्ग विक्रम भटक गया

भ्र्स्ट ही शायद कारण हो

खंड-खंड होकर बिखर भी गया तो  

खोजने का प्रयास तो कर

चिंता नहीं बस चिंतन कर ||

 

वैज्ञानिकों का अपने हौंसला बढ़ा

साहस के उनके तारीफ तो कर

चूक कहाँ हो गई प्रयास मे

इस बात पर थोड़ा गौर तो कर

चिंता नहीं बस चिंतन कर ||

 

चमत्कार की भी आस बची तो

उसकी थोड़ी प्रतीक्षा कर

मायूसी को दर-किनार कर

विक्रम से, संपर्क साधने का प्रयास तो कर

चिंता नहीं बस चिंतन कर ||

 

पीठ थपथपा कर अपनी टीम की

नए मिशन पर काम तो कर

सपने साकार करने भारत के

गगनयान की तैयारी कर

चिंता नहीं बस चिंतन कर ||

 

आश्चर्यचकित हो विश्व ये सारा  

उपलब्धि भारत की देख रहा

सौर-मण्डल के राज खोलने

नई नई योजना बना रहा

चिंता नहीं बस चिंतन कर ||

 

हाथ मिलाने इसरो से अब  

नासा भी तैयार खड़ा

इस बात का थोड़ा गुमान तो कर

चिंता नहीं बस चिंतन कर ||

“मौलिक व अप्रकाशित”

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Comment

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Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on September 19, 2019 at 5:08am

आ. भाई फूल सिंह जी, सुंदर रचना हुई है । हार्दिक बधाई ।

Comment by PHOOL SINGH on September 12, 2019 at 12:12pm

कबीर साहब नमस्कार मेरा उत्साहवर्धन के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद 

Comment by Samar kabeer on September 10, 2019 at 11:54am

जनाब फूल सिंह जी आदाब,अच्छी रचना हुई है,बधाई स्वीकार करें ।

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