संपर्क टूटा विक्रम से तो
ना समझ ये विफल रहा
आर्बिटर अभी चक्कर लगा रहा
धैर्य रख, थोड़ा इंतज़ार तो कर
चिंता नहीं बस चिंतन कर ||
मार्ग विक्रम भटक गया
भ्र्स्ट ही शायद कारण हो
खंड-खंड होकर बिखर भी गया तो
खोजने का प्रयास तो कर
चिंता नहीं बस चिंतन कर ||
वैज्ञानिकों का अपने हौंसला बढ़ा
साहस के उनके तारीफ तो कर
चूक कहाँ हो गई प्रयास मे
इस बात पर थोड़ा गौर तो कर
चिंता नहीं बस चिंतन कर ||
चमत्कार की भी आस बची तो
उसकी थोड़ी प्रतीक्षा कर
मायूसी को दर-किनार कर
विक्रम से, संपर्क साधने का प्रयास तो कर
चिंता नहीं बस चिंतन कर ||
पीठ थपथपा कर अपनी टीम की
नए मिशन पर काम तो कर
सपने साकार करने भारत के
गगनयान की तैयारी कर
चिंता नहीं बस चिंतन कर ||
आश्चर्यचकित हो विश्व ये सारा
उपलब्धि भारत की देख रहा
सौर-मण्डल के राज खोलने
नई नई योजना बना रहा
चिंता नहीं बस चिंतन कर ||
हाथ मिलाने इसरो से अब
नासा भी तैयार खड़ा
इस बात का थोड़ा गुमान तो कर
चिंता नहीं बस चिंतन कर ||
“मौलिक व अप्रकाशित”
Comment
आ. भाई फूल सिंह जी, सुंदर रचना हुई है । हार्दिक बधाई ।
कबीर साहब नमस्कार मेरा उत्साहवर्धन के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद
जनाब फूल सिंह जी आदाब,अच्छी रचना हुई है,बधाई स्वीकार करें ।
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