For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जो तेरे आस पास बिखरे हैं।।
वो मेरे दिल के सूखे पत्ते हैं।।

काग़ज़ी फूल थे मगर जानम।।
तेरे आने से महके महके हैं।।

याद आती है उनकी जब यारों।
मुझमे मुझसे ही बात करते हैं।।

बदली किस्मत ज़रा सी क्या उनकी।।
वो ज़मीं से हवा में उड़ते है।।

जिनके ईमान ओ अना हैं गिरवी।।
वो भी इज़्ज़त की बात करते है।।

'राम' बच के रहा करो इनसे।
ये जो कातिल हसीन चेहरे है।।

मौलिक/अप्रकाशित

राम शिरोमणि पाठक

Views: 846

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by ram shiromani pathak on June 6, 2018 at 10:11am

गुमनाम भाई बहुत आभार आपका

Comment by ram shiromani pathak on June 6, 2018 at 10:11am

लक्ष्मण भाई बहुत बहुत आभार आपका।।सादर

Comment by ram shiromani pathak on June 6, 2018 at 10:10am

आरिफ़ भाई बहुत आभार आपका।।टंकण त्रुटि है सही कर लेता हूँ///सादर

Comment by gumnaam pithoragarhi on June 5, 2018 at 10:06pm
गज़ल अच्छी लगी ,,बधाई
Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on June 4, 2018 at 12:48am

आ. भाई रामसिरोमणि जी, सुंदर रचना हुयी. हार्दिक बधाई ।

Comment by Mohammed Arif on June 1, 2018 at 10:12am

आदरणीय राम शिरोमणि जी आदाब,

                        अच्छे अश'आरों से सुसज्जित ग़ज़ल । हर शे'र उम्दा । शुरू के तीन शे'र में तो बहुवचन का (हैं) का प्रयोग है मगर बाक़ी के शे'र में बहुवचन का प्रयोग नदारत है । देखिएगा । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।

Comment by ram shiromani pathak on May 30, 2018 at 10:12am

बहुत बहुत आभार आदरणीय।।सादर

Comment by Dr Ashutosh Mishra on May 29, 2018 at 5:59pm

आदरणीय राम शिरोमणि जी बहुत अच्छी रचना है रचना पर हार्दिक बधाई सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service