For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

उनके लाल कपोल नहीं होते- ग़ज़ल

जीवन के रिश्तों में इतने झोल नहीं होते 

अपने मुँह में जो ये कड़वे बोल नहीं होते 

 

रस्ता एक पकड़ कर यदि चलते ही जाते हम

मंजिल तक अपने पग डाँवाडोल नहीं होते 

 

कृष्ण भक्ति में अगर नहीं डूबी होती मीरा  

उसके प्याले में भी विष के घोल नहीं होते 

 

गाँव शहर में कुछ तो फर्क रहा होगा, वरना 

आज वहाँ पर बिन तारों के पोल नहीं होते 

 

प्यार को अपने नजर नहीं लगती इस दुनिया की  

रोजाना यदि हमने पीटे ढोल नहीं होते 

 

कुछ तो खोना ही पड़ता है प्यार मुहब्बत में  

त्याग बिना तो ये रिश्ते अनमोल नहीं होते 

 

मोबाइल पर किसने छेड़ा उनको हाय 'बसन्त'  

वरना यूँ ही उनके लाल कपोल नहीं होते

"मौलिक एवं अप्रकाशित"

Views: 431

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by बसंत कुमार शर्मा on April 27, 2020 at 6:56pm

आदरणीय सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप' जी सादर नमस्कार , आपकी हौसलाअफजाई ही मेरा संबल है, सादर नमन आपको 

Comment by नाथ सोनांचली on April 23, 2020 at 1:55pm

आद0 बसन्त कुमार शर्मा जी सादर अभिवादन। बढ़िया हिंदी शब्दों का प्रयोग करते हुए आम बोल चाल में ग़ज़ल कही आपने। बधाई स्वीकार कीजिये

Comment by बसंत कुमार शर्मा on April 20, 2020 at 8:40am

आदरणीय  Dayaram Methani जी सादर नमस्कार, आपकी हौसलाअफजाई हेतु दिल से शुक्रिया 

Comment by Dayaram Methani on April 19, 2020 at 8:38pm

सुंदर गज़ल आदरणीय बसंत कुमार शर्मा जी। बधाई स्वीकार करें।

Comment by बसंत कुमार शर्मा on April 19, 2020 at 11:26am

आदरणीय TEJ VEER SINGH जी सादर नमस्कार , आपकी हौसलाअफजाई हेतु दिल से शुक्रिया 

Comment by TEJ VEER SINGH on April 19, 2020 at 9:46am

हार्दिक बधाई आदरणीय बसन्त कुमार शर्मा जी। बेहतरीन गज़ल।

कुछ तो खोना ही पड़ता है प्यार मुहब्बत में  

त्याग बिना तो ये रिश्ते अनमोल नहीं होते 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
12 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service