For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आहट .....

दिल
हर आहट को
पहचानता है

आहट
बेशक्ल नहीं होती
होती हैं उसमें
हज़ारों ख़्वाहिशें
जिनके इंतज़ार में
ज़िंदगी
रहती है ज़िंदा
फ़ना होने के बाद भी

सहर होती है साँझ होती है
वक़्त मगर
ठहरा ही रहता है
किसी आहट के इंतज़ार में

नज़रें
अपनी ख़्वाहिशों के अक़्स
देखने को बेताब रहती हैं


तसव्वुर में
ज़िंदा रहती हैं
आहटें

मगर
मिलता है धोख़ा
सायों की मानिंद
ज़ह्न से गुजरती
अफ़सुर्दा यादों की
रेशमी आहट से

शायद
हर आहट को तकना
और तकते -तकते गुज़र जाना ही
ज़िंदगी है फ़साना है

सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 495

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on May 4, 2020 at 10:17pm

आदरणीय  सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप'  जी सृजन पर आपकी आत्मीय प्रशंसा का दिल से आभार।

Comment by नाथ सोनांचली on May 2, 2020 at 6:43pm

आद0 सुशील सरना जी सादर अभिवादन। वाह वाह वाह वाह,, नमन है आपको। बहुत बेहतरीन भावो को उमड़ती इस सृजन पर कोटिश बधाई स्वीकार कीजिये।

Comment by Sushil Sarna on May 1, 2020 at 8:28pm

आदरणीय डॉ छोटेलाल सिंह जी सृजन के भावों को आत्मीय मान देने का दिल से आभार।

Comment by Sushil Sarna on May 1, 2020 at 8:27pm
आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''कुशक्षत्रप'जी सृजन के भावों को आत्मीय मान देने का दिल से आभार।
Comment by डॉ छोटेलाल सिंह on May 1, 2020 at 11:48am

आदरणीय सुशील सरना जी सादर अभिवादन बहुत ही मार्मिक भावनाओं से ओतप्रोत आकर्षक रचना के लिए दिली मुबारकबाद कुबूल करें

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on April 30, 2020 at 4:55pm

आ. भाई सुशील जी, अच्छी रचना हुई है । हार्दिक बधाई ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-172
"आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। बहुत मनमोहक रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
2 hours ago
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-172
"कुंडलिया. . . . होली होली  के  हुड़दंग  की, मत  पूछो  कुछ बात ।छैल - …"
4 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-172
"होली के रंग  : घनाक्षरी छंद  बरसत गुलाल कहीं और कहीं अबीर है ब्रज में तो चहुँओर होली का…"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-172
"दोहे*****होली पर बदलाव  का, ऐसा उड़े गुलाल।कर दे नूतन सोच से, धरती-अम्बर लाल।।*भाईचारा,…"
8 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-172
"कलियुग भी द्वापर काल लगे होली में रंग गुलाल लगे, सतरंगी सबके गाल लगे। होली में रंग गुलाल लगे। इस…"
9 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-172

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Monday
Sushil Sarna posted blog posts
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- गाँठ
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। दोहों पर आपकी उपस्थिति से प्रसन्नता हुई। हार्दिक आभार। विस्तार से दोष…"
Mar 7
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- गाँठ
"भाई, सुन्दर दोहे रचे आपने ! हाँ, किन्तु कहीं- कहीं व्याकरण की अशुद्धियाँ भी हैं, जैसे: ( 1 ) पहला…"
Mar 6
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी जी "
Mar 2
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
Mar 2
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"सादर नमस्कार आदरणीय।  रचनाओं पर आपकी टिप्पणियों की भी प्रतीक्षा है।"
Mar 1

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service