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पैसा- दूसरा ईश्वर

धन, दौलत तो उपयोग की वस्तु, जाती कभी भी साथ नहीं

कद्र ना होती उस शख्स की, पैसा जिसके पास नहीं ||

 

आज बचा लो कल मिलेगा, इसे बचाना दोष नहीं

दर-दर की वो ठोकर खाता, गरीब की कोई औकात नहीं ||

 

सुख-वैभव उसके दर विराजे, पैसो की ना जिसके पास कमी

अनकहे रिश्ते खुद बन जाते, आदर्श बनती हर बात कही ||

 

कुछ दोष तो यूं छिप जाते, उम्मीद जिसकी होती नहीं

गरीब के आँसू झूठे लगते, अमीर के ना होते दोष कभी ||

 

साथ भले ही पैसा ना जाता, पर पैसे वाले बर्बाद नहीं

इस जहां में राज करेगा, चाहे धर्म-कर्म में विश्वास नहीं ||

 

नियत तेरी साफ रही तो, ईश्वर ना छोड़े साथ कभी

तरक्की की सीढ़ी रोज चढ़ेगा, खिलाफ चाहे हो लोग सभी ||

 

पैसे के बिना ना दुनियाँ चलती, ना बातों का भी मोल कहीं

अपने भी तेरे भूल जाएंगे, जो धन दौलत तेरे पास नहीं ||

अमौलिक व अप्रकाशित 

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Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on December 23, 2020 at 5:51pm

आ. भाई फूलसिंह जी, सादर अभिवादन । अच्छी रचना हुई है । हार्दिक बधाई ।

Comment by Samar kabeer on December 22, 2020 at 2:08pm

जनाब फूल सिंह जी आदाब, अच्छी रचना हुई है, बधाई स्वीकार करें ।

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