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जे जीवन से खुबे कईलास प्यार ,

जे जीवन से खुबे कईलास प्यार ,
ओकर जीवन बेकार हो गईल ,

ये भरम में त मत रहा इयर ,
की इ जीवन हमर हो गईल ,

चाहे जेतना तू पाउडर लगाला ,
आई बुढ़ापा सूरत बेकार हो गईल ,

कबो माई बाबूजी कबो भाई भौजाई ,
पत्नी आउर बचवान पर मनवा हेराइल ,

जवानी बितावाला तू मस्ती में ईयार ,
लागल जीवन साकार हो गइल ,

जे परभू के चरण में दिनवा बितावल ,
उहो ता भव सागर पर हो गइल ,

अब का पछताई करबा त ईयार ,
सारी उमर जब पार हो गइल ,

कहस गुरु मान बतिया हमार ,
सोचा प्रभु से प्यार हो गइल ,

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Comment

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सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Rana Pratap Singh on September 6, 2010 at 9:11pm
बहुत सुन्दर गीत| ईश भक्ति से बढ़कर कुछ भी नहीं है|
Comment by Raju on April 2, 2010 at 12:51pm
Guru bhaiya raur ee rachna humra ab tak me se sabse badhiya lagal......
Comment by Mahesh Jee on April 1, 2010 at 8:20pm
Guru jee aap ke likhl e rchna hmar dil ke chhu gyil.aap shi kahtani e jvani t shukl pkch ke chand ba je dhire - dhire lupt ho jala. ye jvani pr ka etraye ke ba jb ki malume ba ki budanpa aavhi ke ba t kahe na hmni ke jvani me kuchh achchh kam kyil jav jese dusra ke labh hokhe. Pilhal aap ke e rchna khatir bhute bhut dhnyvad.
Comment by PREETAM TIWARY(PREET) on April 1, 2010 at 7:23pm
bahut badhiya guru jee,...........
अब का पछताई करबा त ईयार ,
सारी उमर जब पार हो गइल ,
dhanyabaad etna badhiay rachna khatir....
Comment by Team Admin on April 1, 2010 at 7:20pm
bahut badhiay guru jee................
चाहे जेतना तू पाउडर लगाला ,
आई बुढ़ापा सूरत बेकार हो गईल ,
ek baar fer se dhanyabaad..........
Comment by Admin on April 1, 2010 at 5:48pm
गुरु जी, राउर कविता कुछ न कुछ बहुत ही गंभीर बात आ एतना आसानी से कह जाला की हम का बताई, रौआ बिलकुल सही कहत बानी की इ भौतिक जीवन मे कुछ नैखे रखल, असली जीवन त आध्यात्म के ही बा, जे आपन जीवन ख़ाली अपना खातिर जियलस वोकर नाव लेनीहार भी न होला, जबकि जे आपन जीवन दोसरा खातिर बिता देहलस वो अमर हो जाला, बहुत बढ़िया कविता गुरु जी, धन्यवाद,

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