For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जोगिरा सा रा रारा रा,..

16,11 मात्रा अंत मे गुरु लघु

1

ले राधा जैसी चंचलता, कृष्णा जैसा प्यार।

बरसाने में खेली जाए,होरी भी लठमार।

जोगिरा सा रा रारा रा,..

2

कृष्ण गए थे हँसी ठिठोली, करने राधा संग।

पर क्रोधित हो राधा रानी,कर बैठी हुड़दंग।

जोगिरा सा रा रारा रा,..

3

रंग उठा कर नीला पीला, और गुलाबी लाल।

नंदगांव के काले छोरे, करते ख़ूब धमाल।

जोगिरा सा रा रारा रा,..

4

कमरे में रूठी बैठी थी,गौरी चिट्टी नार।

रंग लगाय गयो चुपके से, बलमा पानी डार।

जोगिरा सा रा रारा रा,..

5

छत पर नखराली नार खड़ी,खोले घूंघर बाल।

नुक्कड़ से मजनूँ भी ताके,फैंक नज़र का जाल।

जोगिरा सा रा रारा रा,..

6

बरसाने की नवल किशोरी,नंदगांव का गोप।

खेल के गौरी संग होरी,हो जावेगा लोप।

जोगिरा सा रा रारा रा,..

7

फैंक रहे रँग यार हमारे, दे पिचकारी धार।

लाल गुलाबी रंग में डूबी एक छबीली नार।

जोगिरा सा रा रारा रा,..

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 674

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by नाथ सोनांचली on March 30, 2021 at 5:43pm

आद0 रचना भाटिया जी सादर अभिवादन। बढ़िया सृजन होली पर। बधाई स्वीकार कीजिये

Comment by Rachna Bhatia on March 24, 2021 at 7:37pm

आदरणीय समर कबीर सर् सादर नमस्कार।सर् हौसला बढ़ाने के लिए आपकी तहेदिल से आभारी हूँ।

जी सर्, सही कर लेती हूँ। आभार।

Comment by Samar kabeer on March 23, 2021 at 7:56pm

मुहतरमा रचना भाटिया जी आदाब, होली पर अच्छी रचना हुई है, बधाई स्वीकार करें ।

 'लाल गुलाबी रंग में डूबी'-17 मात्रा,16 के लिए 'रंग' को "रँग"लिखें ।

Comment by Rachna Bhatia on March 20, 2021 at 9:44am

आदरणीय अमीरुद्दीन'अमीर'जी नमस्कार। हौसला बढ़ाने के लिए आभार।

Comment by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी on March 19, 2021 at 7:33pm

मुहतरमा रचना भाटिया जी आदाब, होली के मौक़े पर मस्त रचना हुई है, मुबारकबाद पेश करता हूँ। सादर।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"मनहरण घनाक्षरी _____ निवृत सेवा से हुए अब निराली नौकरी,बाऊजी को चैन से न बैठने दें पोतियाँ माँगतीं…"
1 hour ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"मनहरण घनाक्षरी * दादा जी  के संग  तो उमंग  और   खुशियाँ  हैं, किस्से…"
11 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"मनहरण घनाक्षरी छंद ++++++++++++++++++   देवों की है कर्म भूमि, भारत है धर्म भूमि, शिक्षा अपनी…"
23 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post रोला छंद. . . .
"आदरणीय जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया ....
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . कागज
"आदरणीय जी सृजन पर आपके मार्गदर्शन का दिल से आभार । सर आपसे अनुरोध है कि जिन भरती शब्दों का आपने…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .यथार्थ
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी सृजन के भावों को मान देने एवं समीक्षा का दिल से आभार । मार्गदर्शन का दिल से…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .यथार्थ
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
Tuesday
Admin posted discussions
Monday
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया ....
"बंधुवर सुशील सरना, नमस्कार! 'श्याम' के दोहराव से बचा सकता था, शेष कहूँ तो भाव-प्रकाशन की…"
Monday
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . कागज
"बंधुवर, नमस्कार ! क्षमा करें, आप ओ बी ओ पर वरिष्ठ रचनाकार हैं, किंतु मेरी व्यक्तिगत रूप से आपसे…"
Monday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service