16,11 मात्रा अंत मे गुरु लघु
1
ले राधा जैसी चंचलता, कृष्णा जैसा प्यार।
बरसाने में खेली जाए,होरी भी लठमार।
जोगिरा सा रा रारा रा,..
2
कृष्ण गए थे हँसी ठिठोली, करने राधा संग।
पर क्रोधित हो राधा रानी,कर बैठी हुड़दंग।
जोगिरा सा रा रारा रा,..
3
रंग उठा कर नीला पीला, और गुलाबी लाल।
नंदगांव के काले छोरे, करते ख़ूब धमाल।
जोगिरा सा रा रारा रा,..
4
कमरे में रूठी बैठी थी,गौरी चिट्टी नार।
रंग लगाय गयो चुपके से, बलमा पानी डार।
जोगिरा सा रा रारा रा,..
5
छत पर नखराली नार खड़ी,खोले घूंघर बाल।
नुक्कड़ से मजनूँ भी ताके,फैंक नज़र का जाल।
जोगिरा सा रा रारा रा,..
6
बरसाने की नवल किशोरी,नंदगांव का गोप।
खेल के गौरी संग होरी,हो जावेगा लोप।
जोगिरा सा रा रारा रा,..
7
फैंक रहे रँग यार हमारे, दे पिचकारी धार।
लाल गुलाबी रंग में डूबी एक छबीली नार।
जोगिरा सा रा रारा रा,..
मौलिक व अप्रकाशित
Comment
आद0 रचना भाटिया जी सादर अभिवादन। बढ़िया सृजन होली पर। बधाई स्वीकार कीजिये
आदरणीय समर कबीर सर् सादर नमस्कार।सर् हौसला बढ़ाने के लिए आपकी तहेदिल से आभारी हूँ।
जी सर्, सही कर लेती हूँ। आभार।
मुहतरमा रचना भाटिया जी आदाब, होली पर अच्छी रचना हुई है, बधाई स्वीकार करें ।
'लाल गुलाबी रंग में डूबी'-17 मात्रा,16 के लिए 'रंग' को "रँग"लिखें ।
आदरणीय अमीरुद्दीन'अमीर'जी नमस्कार। हौसला बढ़ाने के लिए आभार।
मुहतरमा रचना भाटिया जी आदाब, होली के मौक़े पर मस्त रचना हुई है, मुबारकबाद पेश करता हूँ। सादर।
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